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गपशप - बाबा सुतनुख का खत

गपशप 

जिया रजा बनारस, ३ साल में तोहू लोगन दिखा  देहला की अलग अलग देश के राष्ट्राध्यक्ष भी तू लोगन और तोहार शहर देखे खातिर कितना उत्साहित हउअन जा। जेके देखा तू लोगन के आव भगत में लागल बा।  अइसही तरक्की करा जा नाही ता आगे जिन्नगी बहुत बहुत कठिन होखे वाला हा।  हमनी के उम्र में केवल एकखे नेता रहलिन इंदिरा गाँधी और कोनो के हमनी जानते नहीं रहली जा ओहि हमने वदे  पुरे विश्व का राष्ट्राध्यक्ष रहलिन।


बस एक गुजारिश बा तोहनी लइका लोगन से कि दरका मात्रा में पेड़ लगावल जात जा हमनी के समय ता खूब हरियाली रहल पर अब ता जेहर देखा सगरे ईटा पत्थर का इमारत देखात बा। 

ससुरा जे पेड़ लगावे वादे तोहनी के मन करे ओके दुइ लाठी धर दिहल जा। 

बाकि बाल बच्चा मस्ती में आज हम भावुक रहली से इतने लिख देहली नाही ता हमार रंगीन मिजाजी और काम बोले के आदत तो लोग जानते बाटा जा। 
बाकि मिले पे। 

- बाबा सुतनुख 

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