पूर्वांचल में शुक्रवार शाम सात बजे के लगभग आई आंधी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। आंधी ने शहर से गांव तक अफरातफरी मचाई। कई जगह बिजली के तार और खंभे टूट कर गिर गए। पेड़ों की टहनियां टूट कर कहीं सड़कों, तो कहीं घरों-दुकानों और टिन शेड पर गिर गईं। इसमें एक की मौत हो गई, तो वहीं दर्जन भर लोग गायल हो गए।
आंधी की वजह से कई जगह बिजली उपकरण खराब हो गए या फिर जल गए। इसके चलते वाराणसी समेत कई शहर की बिजली आपूर्ति चरमरा गई। शहर के अधिकतर हिस्सों में देर रात तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीँ हो सकी। खासकर ग्रामीण इलाके पूरी रात अंधेरे में डूबे रहे।
एक की मौत, कई घायल
जौनपुर में सीमेंट चद्दर की चपेट में आने से कक्षा सात के छात्र धीरज की मौत हो गई। वहीँ, वाराणसी में महिला समेत चार लोग घायल हो गए। शहर में जगह-जगह लगाए गए दिशासूचक भी तेज आंधी में उखड़ कर गिर गए। इससे कुछ जगह आवागमन बाधित हुआ। जामुन का पेड़ गिरने से आधे घंटे तक आवागमन बाधित रहा। वाराणसी, भदोही, मऊ, बलिया में टीन शेड, छप्पर उड़ गए। गाजीपुर में बिजली के खंभे गिरने से एक जख्मी हो गया। आजमगढ़ में बूंदाबांदी भी हुई। सटरिंग का काम कर रहे तीन मजदूर घायल हो गए।
फसल को नुकसान
आंधी से सबसे अधिक नुकसान आम की उपज को पहुंचा। आम के बौर झड़ गए और गेहूं की फसल को क्षति पहुंची। मिर्जापुर में तार गिरने से फसल में आग लग गई।
वहीँ, खेतों में खड़ी गेहूं के अलावा दलहनी फसलें गिर गईं। कटाई का दौर चलने के चलते कई जगह-जगह खेतों में कटाई के बाद रखी फसल हवा के झोंके संग उड़ गई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अभी एक-दो दिन में फिर आंधी आ सकती है।
फोटो : साभार
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