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गपशप -बाबा सुतनखु का खत



गपशप 


आज बाटे जे हे से कि मंगलवार;

जइसन होवा ला अचार;
लोगन में लावा ला विचार;
बर्ह्मचारी बनावे ला ई वार 
रहिया नारी से ए दिनवा उपार 
ख़ाहिया दिन भर चाप के भोजन अपार 
आज बाटे जे हे से कि मंगलवार..... 
बजरंगी जइसन पहनिया कपड़ा गेरुआ झाड़ 
फुलहिया छाती बारम्बार 
रखिह कांधा पर बोझा अपार 
अभी बचल है दिनवा चार 
आज बाटे जे हे से कि मंगलवार.....

ऐसेही लोगन खेलत खात मस्त रहल जा। और आपन दिनचर्या ई बलॉग पर भेज दिहलस जाए। 


-बाबा सुतनखु का खत