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संकटमोचन संगीत समारोह का आगाज

वाराणसी : सादगी संग सद्भाव के भाव पिरोते जग विख्यात संकटमोचन संगीत समारोह का आगाज चार अप्रैल से होगा। इसकी तैयारी के लिए देश के कोने-कोने में बसे हनुमत प्रेमियों में उल्लास-उमंग दिखने लगी है। इस बार पा‌र्श्व गायक व भजन सम्राट अनूप जलोटा, पं. जसराज संग सिने तारिका माधुरी दीक्षित भी हनुमत दरबार में प्रस्तुति देंगी। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक भक्तों की सेवा में इस बार चिकित्सक, शिक्षाविद्, राजनेता व प्रशासनिक अफसर भी शामिल होंगे। वे न सिर्फ लोगों को पानी पिलाएंगे बल्कि उनके जूते- चप्पल की देखभाल भी करेंगे।


वर्षो पुराने संकटमोचन संगीत समारोह की परंपरा रही है कि लब्ध कलाकार तक मंच पर बैठ बेझिझक प्रस्तुति देते हैं जिसे श्रोता आत्मसात करते हैं। इस बार पं. बिरजू महाराज, माधुरी दीक्षित, सोनल मानसिंह, अनूप जलोटा, रोनू मजूमदार, पं. जसराज, मालिनी अवस्थी, शिवमणि और उस्ताद गुलाम मुस्तफा खा सहित अन्य कई जाने-माने कलाकार समारोह का मंच संभालेंगे। ऐसे में अन्य वर्षो की तुलना में श्रोताओं की भीड़ में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसे ध्यान में रखते हुए वालंटियरों को तैयार किया जाने लगा है। देश के अलावा विदेश से भी लोगों ने वालंटियर बन सेवा सुश्रुषा की इच्छा जाहिर की है। हालांकि सभी को कहा गया है कि वे मौके पर आएं, उन्हें वहीं कार्ड जारी किए जाएंगे। हालांकि मंदिर प्रबंधन की ओर से अब तक13 वीवीआइपी वालंटियर बनाए जा चुके हैं। इनमें रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट के कुलपति प्रो. योगेश दुबे का नाम सबसे ऊपर है। इनके अलावा बीएचयू के वित्ताधिकारी एसबी पटेल, सेवानिवृत्त आइएएस टीएन तिवारी आदि भी हैं। वहीं गोस्वामी तुलसीदास अखाड़ा के 100 पट्ठे छह दिवसीय समारोह में कलाकारों व भक्तों की सुरक्षा की जिम्मा संभालेंगे। पहलवानों का खास पहरा : सुरक्षा की दृष्टि से भी संकट मोचन संगीत समारोह बेहद महत्वपूर्ण होता है। देश के नामचीन कलाकार व श्रोता इतनी सादगी से यहां आते और लौट जाते हैं कि किसी को पता भी नहीं चलता। इसलिए उनका सुरक्षा इंतजाम गोपनीय ही होता है। इस बार के सुरक्षा बंदोबस्त में गोस्वामी तुलसीदास अखाड़ा के कल्लू, मेवा, पारस, सियाराम सहित 100 पहलवान शामिल होंगे।

सेवा सुश्रुषा के 'कोहिनूर' प्रो. योगेश दुबे : कुलपति, रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट;प्रो. टीएम महापात्रा, पूर्व निदेशक, आइएमएस, बीएचयू;प्रो. बीएन मिश्र, प्रख्यात न्यूरोलाजिस्ट, बीएचयू;टीएन तिवारी, सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी;श्यामबाबू पटेल, वित्ताधिकारी, बीएचयू;जेएस सिन्हा, वरिष्ठ अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट;प्रो. वीएस चौहान, पूर्व चेयरमैन, यूजीसी;अरुण श्रीवास्तव, वरिष्ठ समाजवादी नेता;अफाक अहमद खां, जदयू के वरिष्ठ नेता। ''भगवान के दरबार में कोई वीआइपी नहीं है। सभी रसिकजन व भक्त समान हैं। सभी धर्मो का समान आदर है।''-प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र, महंत संकट मोचन मंदिर।

-  साभार दैनिक जागरण 


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