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अच्छे दिन कब आएँगे...
अच्छे दिन कब आएँगे,
क्या यूँ ही मर जाएँगे।
अपने-आप को ख्वाबों से,
कब तक हम बहलाएँगे ।
बम्बई में ठहरेंगे कहाँ,
दिल्ली में क्या खाएँगे।
खिलते हैं तो खिलने दो,
फूल अभी मुरझाएँगे।
कितनी अच्छी लड़की है,
बरसों भूल न पाएँगे।
मौत न आई तो 'अल्वी',
छुट्टी में घर जाएँगे।
■ मोहम्मद अल्वी
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