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काशी सत्संग: भाषा का अंतर


एक राजा था। उसने स्वप्न में देखा कि उसके सारे दांत गिर गए हैं। इससे वह चिंतित हुआ। प्रातः होते ही उसने ज्योतिषियों को बुलाया और उसका फल पूछा। एक ज्योतिषी ने कहा- महाराज! स्वप्न बड़ा अशुभ है, इसका बुरा फल होने वाला है। क्या फल होगा? पूछने पर उसने बताया- महाराज! इसका फल यही है कि आपके जीवित रहते ही आपके संतानों की मृत्यु हो जाएगी। यह सुनकर राजा चिंतित हुआ और अशुभ बात कहने वाले ज्योतिषी को जेल में डाल दिया।
अब दूसरे ज्योतिषी को बुलाया गया, तो उसने कहा- महाराज! बहुत अच्छा स्वप्न है। राजा आश्चर्य चकित हुआ, पूछा- यह कैसे? तो उसने उत्तर दिया- आप इतनी दीर्घायु प्राप्त करेंगे कि आपकी कोई संतान आपकी मृत्यु नहीं देख सकेगा। राजा उससे प्रसन्न हुआ और उसे पुरस्कार दिया। बात एक ही है, सिर्फ कहने में अंतर है। फलितार्थ एक ही है, पर भाषा के फर्क ने एक ज्योतिषी को इनाम दिलाया और दूसरे को कारावास।
ऊं तत्सत...

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