फुल मस्ती @ छुट्टी..... - Kashi Patrika

फुल मस्ती @ छुट्टी.....





गर्मी की छुट्टियां शुरू होते ही बच्चे और पेरेंट्स दोनों परेशान हो जाते हैं कि इतनी लंबी छुट्टियों में कैसे करें फुल मस्ती? इसलिए आप दोनों मिलकर कुछ ऐसा प्लान करें कि छुट्टियओं  का  पूरा  एन्जॉयमेंट  तो हो  ही खेल- खेल में कुछ नया सीख  भी लें .पेरेंट्स  बच्चे पर कुछ थोपे नहीं बल्कि  उसकी मर्जी का भी पूरा खयाल रखे ताकि वह इसे एन्जॉय कर सके. 

फैमिली  ट्रिप पुराना फार्मूला :

आजकल एकल परिवार के बढ़ते चलन के कारन बच्चे सिर्फ छुट्टियों में ही अपने दादा-दादी , नाना -नानी , चाचा - चाची और अन्य रिश्तेदारों से मिल पाते हैं , ऐसे में पूरे  परिवार के साथ छुट्टियां बिताने का प्लान सबसे पुराना और मजेदार है . इतने लोगो के बीच लंबी छुट्टियां कैसे बीत जाती हैं कुछ पता ही नहीं चलता . आप भी अगर ऐसे अपना वेकेशन प्लान  कर रहें है , तो यह मजेदार आईडिया है, लेकिन मौज- मस्ती में बच्चे की पढ़ाई की ओर से पूरी तरह लापरवाह न हो।

समर कैंप है बढ़िया  आईडिया :

अगर आप कहीं नहीं जा राहें  तो बच्चे को समर कैंप  में डालना भी बढ़िया आईडिया हैं . स्कूल , कोचिंग और होमवर्क के बीच फसे बच्चो के शौक को हमें अक्सर अनदेखा करना पड़ता है . वैसे भी सिर्फ किताबी कीड़ा होना पुरानी बात हो गई है आजकल  आलराउंडर होना चलन में हैं . ऐसे में समर कैंप के बहाने , बच्चे मस्ती -मस्ती में कुछ नया सीख लेते हैं . 1 5 दिन से लेकर एक महीने तक चलने वाले इन कैंपों में पेंटिंग , डांस ,सेल्फ - डिफेंस , जनरल नॉलेज बढ़ाने  से लेकर हैंडराइटिंग सुधारने तक के तरीके सिखाए जाते हैं . आज कल तो स्कूल की ओर  से भी ऐसे कैंप लगाए जाते हैं, जिनकी फी बहुत  कम होती है . 

पर्सनल क्लासेज आजमाएं  :

यदि आप बच्चे को समर कैंप  में नहीं डालना चाहते तो उसके शौक  को ध्यान में रखते हुए किसी डांस, म्यूजिक, पेंटिंग , कराटे क्लास में दाल सकते हैं , इससे उसमे कुछ नया सीखने  की ललक तो जागेगी ही साथ अपने हम उम्र के साथ दोस्ती करना भी सीख जाएगा , यकीन मानिए क्लास से लौट कर जब वह अपने प्रैक्टिस की कहानियां सुनाएगा तो आपको भी मजा आएगा .

समय निकाले बनाए  प्लान :

यदि पेरेंट्स वर्किंग हो तो बच्चे के लिए समय नहीं निकल पातें हैं . माँ  अगर हाउस वाइफ हो तो भी अन्य जिम्मेदारियों को निभाने में बच्चे को अनदेखा  कर देती हैं . छुट्टियों में बछो के साथ बात-चीत करें , खेलें  यानी उनकी दुनिया का हिस्सा बन जाएं . वीकेंड  पर पिकनिक, सैर- सपाटा का प्लान बनायें  ताकि बच्चे खुद को ख़ास महसूस करें .

थोड़ा सा ध्यान देने की जरुरत है फिर बच्चे और पेरेंट्स दोनों ही छुट्टियों को पूरा एन्जॉय करेंगे . आपकी लापरवाही से ऐसा न हो कि वेकेशन के बहाने बच्चा  दिन रात  टीवी , कंप्यूटर , वीडियो गेम से चिपका रहे और वेकेशन के बाद मोटा और भोंदू हो जाए ., ऐसा होने से पहले ही चलिए करें कुछ बढ़िया प्लान ...

-सोनी सिंह -