नमस्कार मित्रों। मेरा नाम भारत भूषण त्रिपाठी है पर नाम थोड़ा लम्बा होने की वजह से मेरे फ्रेंड्स मुझे BB कहकर ही बुलाते हैं। मेरा जन्म १९८६ में बनारस के एक गाँव में हुआ था। मेरे माता-पिता व बहनें काफी पहले सूरत आ गए थे पर दादा जी को मुझसे ख़ास लगाव था जिसके वजह से कक्षा ५ तक मुझे बनारस में ही पढ़ने व रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वहां पेड़ के नीचे, टाट पर बैठ कर पढ़ने का मज़ा ही कुछ और था। गाँव का स्कूल था तो वहाँ पढाई, घुमाई व गर्मियों में दूसरों के आम के पेड़ों से आम तोड़ने के अलावा अंदर दबे पड़े टैलेंट को बाहर लाने का न तो कोई एक्सपोज़र था और न ही स्कोप। माता पिता जी को भी बस यही धुन थी कि लड़का पढ़- लिख कर ही कुछ कर सकता है तो इस सब की वजह से हमें छोटी उम्र में किताबों से बाहर दिमाग दौड़ाने का ज्यादा मौका मिला नहीं। काशी के युवा
'The boat maker' captured by BB
तो ५वी तक की पढाई खत्म कर मैं भी सूरत आ गया, यहाँ का माहौल कुछ अलग था पर जैसा पहले कहा, घर वाले मुझे बस पढ़वाना ही चाहते थे। पढाई में ऊपर वाले की कृपा से अच्छे थे तो टीचरों के चहेते बनने में ज्यादा मेहनत न करनी पड़ी। कक्षा १० में नौटंकी करने का ख्याल पहली बार आया तो २६ जनवरी पर मित्र मंडली के साथ मिलकर एक नाटक खेला स्कूल में जो की काफी पसंद किया गया उसके बाद ये सिलसिला चल पड़ा। इंटर कॉलेज में भी नाटक खेलने का सिलसिला जारी रहा और कॉलेज में ग्रेजुएशन के दरम्यान तीसरा स्थान व फाइनल ईयर में नाटक प्ले के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवार्ड भी जीता। कॉलेज के बाद ग्राफ़िक डिजाइनिंग में गहरी रूचि जागी तो इंटरनेट के माध्यम से यह सब भी सीखा और उस दिशा में काफी कुछ किया।
'Boat पर चर्चा' by BB
क्रिएटिव लोग किसी एक चीज के साथ ज्यादा दिन टिक नहीं पाते, ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी होता रहा। ४ वर्ष तक ग्राफ़िक्स के साथ देने के बाद फोटोग्राफी में रूचि जागी तो अपने सेविंग से पैसे निकाल फ़टाफ़ट एक महंगा कैमरा खरीद लाये और इंटरनेट के सहारे सब कुछ सीखकर फोटोग्राफी करने लगे और ये सब बस शौक के लिए था। पिछले वर्ष बनारस आये थे तो कुछ २००० फोटोज क्लिक की थी, उनमे से कुछ पसंदीदा फोटोज यहाँ प्रस्तुत करूँगा। वैसे तो बचपन में वाटर कलर पेंटिंग व स्केचिंग में भी इंटरेस्ट था पर उस समय ज़्यादा कुछ कर नहीं पाए किन्तु अभी कुछ दिनों से स्केचिंग भी शुरू किया है, यहाँ प्रस्तुत करते हैं देखो आपको पसंद आता है या नहीं।
Sketched by BB
अजीब बात ये रही कि क्रिएटिव फील्ड में गहरी रूचि होने के बाद भी अपने शौक को कभी अपना प्रोफेशन बनाने का ख़याल नहीं आया। सूरत में गुजरात गैस में जॉब करने के बाद MNGL में as a Project Coordinator जॉब के लिए पुणे जाने का मौका मिला। कुछ वर्ष अकेले रहने का मौका मिला तो इसका उपयोग मैंने खुद को और ज्यादा सँवारने में लगाया, अकेले रहते हुए चिंतन-मनन करने का टाइम भी मिला जिसके बाद अपनी लाइफ को और ज्यादा अनुशासित बनाया। इंटरनेट के इस युग में रात के २-३ बजे तक मोबाइल पे लगे रहना एक आम बात है पर पुणे में रहते हुए मैंने खुद की लाइफ में काफी परिवर्तन किये। रात ११:३० तक किसी भी हाल में सोना, सुबह ५:३० पर उठ जाना और फिर जिम में २ घंटा कड़ी मेहनत करना, healthy diet जिंदगी का एक हिस्सा हो गया। मेरे लिए ये बदलाव काफी अच्छा साबित हुआ, कुछ समय बाद मैंने ये नोटिस किया की अब मैं पहले से कहीं ज्यादा फ्रेश महसूस करता हूँ व पहले से ज्यादा खुश रहता हूँ। अगर आप खुद के साथ खुश हैं तो आप ज़िन्दगी में कुछ अच्छा कर सकते हैं। और इसी सब का परिणाम यह रहा कि जॉब छोड़कर खुद के लिए कुछ करने का जज्बा आया।
Sunset by BB
तो मित्रों, ज़िन्दगी हमें बस एक ही मिली है इसे खुलकर जियो, दिल में जो कुछ अच्छा आये वो करो, जिंदगी से कुछ लम्हें निकालकर खुद के लिए कुछ करें, कुछ न कुछ क्रिएटिव करें, समय पर सोएं और सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें, रोज़ व्यायाम और योग करें, खुद को तरो ताज़ा रखें। आज की जिंदगी काफी स्ट्रेसफुल हो गयी है पर ऐसी कुछ क्रिएटिव एक्टिविटी जिंदगी को जीने लायक बना देती हैं।
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KP 'भारत एक उभरते हुए फोटोग्राफर हैं। इनकी रचनात्मकता को लोग खूब पसंद करतें है। वैसे तो इन्होंने कई थीम को लेकर अब तक़ काम किया हैं , फ़िर भी इनके काम को गहराई से देखने पर इनका बनारस के घाट से जुड़ाव स्वतः ही दिखाई पड़ता है।'
KP 'भारत एक उभरते हुए फोटोग्राफर हैं। इनकी रचनात्मकता को लोग खूब पसंद करतें है। वैसे तो इन्होंने कई थीम को लेकर अब तक़ काम किया हैं , फ़िर भी इनके काम को गहराई से देखने पर इनका बनारस के घाट से जुड़ाव स्वतः ही दिखाई पड़ता है।'
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