गपशप -बाबा सुतनखु का खत - Kashi Patrika

गपशप -बाबा सुतनखु का खत

गपशप 
कइसन हउअ जा लोगन बाल-बच्चा मस्ती में और घर-दुआरे का का समाचार निक बाटे। आज बात हम जइसन बुढ़वन के जिनके कपारे पे एको बाल नहीं बचल बा।  तू लोगन ता रोज आपन काम धन्धा पे जा ला इहा हमनियो खातिर ढेरके काम रहा ला; ज्ञान बाचे का।  ता ई जे कपारे पे फहरात केस रखले हउअ जा ओकर ध्यान भी रखल करा जा। 
हप्ता में एक बार कायदे से तेल का मालिश कराल जाए ता ई बाल बुढ़ौती ले बचल रही। खरपतुआ जे हमार मित्र बाटे वो जीवन भर सरसों के तेल लगईल्स आज ले ओकर बाल फहरात बाटे। ता बच्चा लोगन जान ला ई बाल  जइसन वैसहि शरीरो बाटे तिल या सरसो के तेल से एकर भी सप्ताह में एक खानि मालिश होए के चाहि।  तब न गबरू रहबा जा और मक्खन मलाई राबड़ी सब चाप के भिड़ावल करा और रोज दुई किलोमीटल का दौड़ तब रही शरीर फरहर और दमदार। 

बाकि मिले पर। 

-बाबा सुतनखु