गपशप

बस एक गुजारिश बा तोहनी लइका लोगन से कि दरका मात्रा में पेड़ लगावल जात जा हमनी के समय ता खूब हरियाली रहल पर अब ता जेहर देखा सगरे ईटा पत्थर का इमारत देखात बा।
ससुरा जे पेड़ लगावे वादे तोहनी के मन करे ओके दुइ लाठी धर दिहल जा।
बाकि बाल बच्चा मस्ती में आज हम भावुक रहली से इतने लिख देहली नाही ता हमार रंगीन मिजाजी और काम बोले के आदत तो लोग जानते बाटा जा।
बाकि मिले पे।
- बाबा सुतनुख
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