मस्ती को जान लो - Kashi Patrika

मस्ती को जान लो


 मस्ती को जान लो


   
​मस्त होने का अर्थ होता हैः
मन को खोना।
मस्त होने का अर्थ होता हैः
नियंत्रण खोना।
मस्त होने का अर्थ होता हैः
अपने अहंकार से
थोड़े नीचे उतर आना,
सिंहासन छोड़ना।
मस्त होने का अर्थ होता हैः
फिर से हो गए
बालक जैसे निर्दोष
फिर से भर गए
जीवन के आश्चर्य से;
फिर से वृक्षों की मस्ती
और फूलों की सुगंध
और हवाओं का नृत्य
अर्थपूर्ण हो गया।
खो दी मन की,
गणित की क्षमता।
वह जो तर्क का
सतत जाल है,
वह जो तर्क का
सतत फैलाव है भीतर,
उसे तोड़कर क्षणभर को
बाहर निकल आए
जैसे कोई कारागृह से
बाहर आ जाए।
बंद दीवारें और
बंद दीवारों के
भीतर की बंद हवा,
थोड़ी देर को जैसे कोई
छोड़कर बाहर आ जाए !!!!!

ओशो…..