भोलेनाथ की पूजा जल और बेलपत्र को महत्वपूर्ण माना गया है। हिंदू धर्मानुसार शिव जी की पूजा बेलपत्र के बिना पूरी ही नहीं होती है। शिव पूजन के दौरान प्रयोग में लाया जाने वाला बेलपत्र तीन पत्तियों से युक्त होना चाहिए। उस बेलपत्र में किसी भी तरह की कांट-छांट नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा शिवलिंग पर चढ़ाने से पहले उसी अच्छी तरह से साफ पानी में धो लेना चाहिए। बिना धोए हुए बेलपत्र को शिव पूजा में इस्तेमाल करने की सख्त मनाही है। शीघ्र विवाह के लिए भी बेलपत्र से शिवलिंग की पूजा की जाती है। इसकी भी एक तय विधि है, जिसका पालन किया जाना जरूरी है।
इस विधि के अनुसार, 108 बेलपत्र लें और उस पर चंदन से प्रभु राम का नाम लिख दें। इसके बाद ‘ऊं नम: शिवाय’ का जाप करते हुए उन्हें बारी-बारी से शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं। 108वां बेलपत्र चढ़ा लेने के बाद शिव से अपनी विवाह संबंधी इच्छा को प्रकट करें। कहते हैं कि इससे शिव जी भक्त की विवाह संबंधी समस्या दूर करते हैं और व्यक्ति को उसके तीन जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
इस विधि के अनुसार, 108 बेलपत्र लें और उस पर चंदन से प्रभु राम का नाम लिख दें। इसके बाद ‘ऊं नम: शिवाय’ का जाप करते हुए उन्हें बारी-बारी से शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं। 108वां बेलपत्र चढ़ा लेने के बाद शिव से अपनी विवाह संबंधी इच्छा को प्रकट करें। कहते हैं कि इससे शिव जी भक्त की विवाह संबंधी समस्या दूर करते हैं और व्यक्ति को उसके तीन जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
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