बाबा सुतनखु - Kashi Patrika

बाबा सुतनखु

गपशप 


का हो लोगन कइसन हउअ जा बाल बच्चा सब मस्ती और सुनावल जाए। आज से काशी में 'काशी आनंद' होअल जात है लोगन हो भइला की नाही। काशी का महिमा साधु-संत बहुत बतईले हउअन कहले हउअन की इहां जीएलए भी स्वर्ग ह और मरले भी स्वर्ग। त इहि काशी बड़े कहत हई कि सरकार वन विभाग के ओर से जितना पेड़ लगैले ह ओकर ध्यान रखा जा और हो सके त और पेड़ लगावा जा। 

हमनी के का ह आपन पूरा जिंदगी एही ठिया काट देहली बाहर जाए का बढ़िया मौका मिलल लेकिन काशी नहीं मिलल अब एहि ठिया मरल भी जाइ। जबले देह सपरलस सेवा भाव से जिंदगी गुजरली जा। अब तोहनी के बाड़ी बा लोगन खूब पढ़ा और काशी क नाम रौशन करा जा लोगन। 

लेकिन अपने शहर के काशी कहे लायक छोडीह जा। 

बाकी मिले पे। 

- बाबा सुतनखु 

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