आज ही के दिन महाराष्ट्र राज्य अस्तित्व में आया था, इसलिए इस दिन महाराष्ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश की आजादी के बाद मध्य भारत के सभी मराठी भाषा के स्थानों का समीकरण करके एक राज्य बनाने को लेकर बड़ा आंदोलन चला और 1 मई, 1960 को कोंकण, मराठवाडा, पश्चिमी महाराष्ट्र, दक्षिण महाराष्ट्र, उत्तर महाराष्ट्र (खानदेश) तथा विदर्भ, सभी संभागों को जोड़ कर महाराष्ट्र राज्य की स्थापना की गई।
खास बात यह है कि यह राज्य आस-पास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया था, जो पहले चार अलग- अलग प्रशासनों के नियंत्रण में था। इनमें मूल ब्रिटिश मुंबई प्रांत में शामिल दमन तथा गोवा के बीच का जिला, हैदराबाद के निजाम की रियासत के पांच जिले, मध्य प्रांत (मध्य प्रदेश) के दक्षिण के आठ जिले तथा आस-पास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थी, जो समीपवर्ती जिलों में मिल गई थी।
महाराष्ट्र बनाने की मांग को लेकर 1954 से 1955 के बीच डॉ॰ गोपालराव खेडकर के नेतृत्व में संयुक्त महाराष्ट्र समिति का गठन किया गया था। वहीं दूसरी तरफ गुजरात राज्य को बनाने के लिए महागुजराथ् आंदोलन भी शुरू किया गया था। गोपालराव खेडकर, एस.एम. जोशी, एस.ए. डांगे, पी.के. अत्रे और अन्य नेताओं को अपनी राजधानी के रूप में मुंबई के साथ महाराष्ट्र का एक अलग राज्य के लिए लड़ाई लड़ी। 1 मई 1960 को, बड़े पैमाने पर विरोध- प्रदर्शन और दर्जनों मानव बलिदान के बाद महाराष्ट्र और गुजरात नए राज्य बने।
खास बात यह है कि यह राज्य आस-पास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया था, जो पहले चार अलग- अलग प्रशासनों के नियंत्रण में था। इनमें मूल ब्रिटिश मुंबई प्रांत में शामिल दमन तथा गोवा के बीच का जिला, हैदराबाद के निजाम की रियासत के पांच जिले, मध्य प्रांत (मध्य प्रदेश) के दक्षिण के आठ जिले तथा आस-पास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थी, जो समीपवर्ती जिलों में मिल गई थी।
महाराष्ट्र बनाने की मांग को लेकर 1954 से 1955 के बीच डॉ॰ गोपालराव खेडकर के नेतृत्व में संयुक्त महाराष्ट्र समिति का गठन किया गया था। वहीं दूसरी तरफ गुजरात राज्य को बनाने के लिए महागुजराथ् आंदोलन भी शुरू किया गया था। गोपालराव खेडकर, एस.एम. जोशी, एस.ए. डांगे, पी.के. अत्रे और अन्य नेताओं को अपनी राजधानी के रूप में मुंबई के साथ महाराष्ट्र का एक अलग राज्य के लिए लड़ाई लड़ी। 1 मई 1960 को, बड़े पैमाने पर विरोध- प्रदर्शन और दर्जनों मानव बलिदान के बाद महाराष्ट्र और गुजरात नए राज्य बने।
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