कटाक्ष- धरोहर धरोहर चिल्लाने से क्या होगा? - Kashi Patrika

कटाक्ष- धरोहर धरोहर चिल्लाने से क्या होगा?


श्री काशी विश्वनाथ से बड़ी धरोहर वाराणसी की कोई और नहीं है।
लाखो तीर्थयात्री वाराणसी में सिर्फ श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन को आते हैं। गली में दुर्व्यवस्था गन्दगी  से दो चार होते हैं। मुश्किल ही कोई शांति से दर्शन कर पाता है। 
जो दर्शन करने जाते हैं वो इस समस्या से भली भांति परिचित हैं। 
इसको लेकर हिन्दुओं की आस्था और प्रेम को समर्पित एक विशाल प्रोजेक्ट केंद्र से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर विस्तार के लिए लाया गया है।इसके विरोध में कुछ बुद्धिजीवी विपक्षी पार्टियों के समर्थन के भ्रम में आकर व्यर्थ में धरोहर धरोहर चिल्ला रहें हैं , उनसे कुछ प्रश्न हैं-

१. श्री काशी विश्वनाथ से बड़ी धरोहर काशी के लिए क्या है ?
२. क्या गलियों के कुछ हिस्से ख़त्म हो जाने से बनारस की गलियां ख़त्म हो जाएँगी ?
३. क्या काशी विश्वनाथ परिसर को विस्तार करने के लिए कुछ छोटे मंदिर विस्थापित नहीं किये जा सकते ? और वो कौन से मंदिर और भगवन हैं जिनको श्री काशी विश्वनाथ परिसर विस्तारीकरण से आपत्ति है ?
४. क्या विश्वनाथ मंदिर न्यास को मंदिर के धन से मकान खरीदने और उनको ध्वस्त करने से रोकने का अधिकार आपको है ?
५. गली गली में लोग पुराने मकानों को तोड़ कर नए मकान और कटरे बनवा रहे हैं , क्या वो भी धरोहर को नष्ट का रहे हैं ।
६. क्या श्री काशी विश्वनाथ परिसर विस्तार से विश्व भर के हिन्दुओं को आनंद मिलेगा? या केवल कुछ लोगों के स्वार्थ के लिए ऐसा नहीं किया जाना चाहिए ।
७. अगर उचित मुआवजा मिल रहा हो तो क्या धरोहर विकास के इस अनुपम कार्य के लिए स्वयं त्याग नहीं करना चाहिए ? अरे किसान भी देश विकास के लिए अपने बाप दादा की धरोहर का त्याग कर देता है ?
८ . प्रश्न धरोहर का है की स्वयं के सोच और स्वार्थ का ?
९. क्या आप श्री तिरुपति, श्री साई बाबा , श्री सोमनाथ आदि मंदिरों की भव्यता और व्यवस्था में विस्तारीकरण का योगदान मानते हैं ?
१०. क्या आने वाली पीढ़ी को भी धरोहर के नाम पर उन्ही गन्दी गलियों से श्री काशी विश्वनाथ ले कर जायेंगे और गन्दगी का दोष सरकार और मदिर पर मढ़ेंगे ? 
११. क्या इस सरकार के बाद ऐसी योजना को कोई और निष्पादित करा पायेगा ?
१२. आपके विरोध में बार बार औरंगज़ेब का नाम लिया जा रहा है। क्या औरंगज़ेब के इतिहास और उसके कार्य से आप भली भांति परिचित नहीं हैं या ऐसे ही मामले को तूल देने के लिए आप ऐसा कर रहे हैं ।
१३. क्या हिन्दू हित के इस काम के विरोध के लिए आपको जयचंद नहीं कहा जाना चाहिए?

सादर करबद्ध निवेदन है की बाबा के कार्य में बाधा न बने।
हर हर महादेव

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