बेबाक हस्तक्षेप - Kashi Patrika

बेबाक हस्तक्षेप

चाईना ने आगे आ कर जो ट्रेड वर ख़त्म करने के संकेत दिए है वह सराहनीय है पर उसका पूरा मजा तब तक नहीं आएगा जब तक वो ये कहे विश्व तो खुला बाजार होने जा रहा है और अपने यहाँ वह लोकतंत्रिक प्रक्रिया को तार-तार करता रहे।  अब समय आ गया है कि चीन को भी अन्य देशो के तरह लोकतंत्र को अपना लेना चाहिए ये प्रक्रिया धीरे धीरे भी शुरू की जा सकती है पर शुरुआत कही से तो होनी चाहिए। 

चीन ने आज तक अपने ही लोगो पर भरोसा नहीं  जताया है कि वह की आम जनता एक सशक्त सरकार चुन सकती है तो फिर विश्व के लोग चाईना के लोगो को शक की निगाह से देखे तो मुझे इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती। 

चाईना अपने ही लोगों को मिशन के तौर पर दूसरे देश भेजता आया है कि वह वहां की चीजों का जायज़ा ले और खरीद कर घर वापस आये और काम दामों में वही उत्पाद उन्ही देशो को बेचा जा सके उसने स्वयं के रिसर्च की मौलिकता को कब का समापत कर दिया है जबकि चाईना का इतिहास काफी पुराना है और वहां मौलिक उत्पाद एक समय में बढ़ चढ़ कर प्राप्त किये जा सकते थे। 

चाईना को एक बार लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए और मौलिक उत्पादों को बढ़ावा देना शुरू करना चाहिए जिस से विश्व को अभी नहीं तो निकट भविष्य में वैज्ञानिक खोजों की नई खेप प्राप्त हो सके। 

ये लिखक के निजी विचार है। 

- संपादकीय 

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