बदल रहा बनारस: "संकुल धारा" का कायापलट - Kashi Patrika

बदल रहा बनारस: "संकुल धारा" का कायापलट


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के रूपरंग में बदलाव दिख रहा है। कई पौराणिक महत्व वाले उपेक्षित जगहों का इन दिनों कायापलट किया जा रहा है, इनमें से एक है  संकुल धारा पोखड़ा।

देखरेख और साजसज्जा
इस पूरे क्षेत्र की हालत खस्ता हो गई थी, जिसे संवारने का प्रयास किया जा रहा है। परिसर में लोगों के सुस्ताने के लिए जहां बेंच की व्यवस्था कर दी गई है, वहीं मुख्य मंदिर और आसपास स्थित अन्य मंदिरों को भी रंगरोगन कर दुरुस्त कर दिया गया है। पेड़-पौधों और सीढ़ियों को जहां संवारा गया है, वहीँ परिसर की साफ़-सफाई पर भी ध्यान दिया जा रहा है। अमूमन जहाँ अन्य जगहों जगह की कमी है यहाँ पर्याप्त जगह होने से बड़ी सख्या में नए पेड़ लगाए गए हैं। पोखरे में पानी सुख चुका था, अब जिसे भर दिया गया है। प्रशासन के इस कदम से जगह तो सुरक्षित हुई ही, लोगों को गर्मी में सुस्ताने की जगह मिल गई और बच्चों को खेलने की भूमि उपलब्ध हो गई।

जनता भी ले जिम्मेदारी
प्रशासन की ओर से तो सराहनीय काम किया गया है, लेकिन जनता को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। हर काम सिर्फ शासन-प्रशासन पर डालकर जिम्मेदारी से
बचने का प्रयास ठीक नहीँ है। परिसर में आने वाले लोग गंदगी फैलाने से बाज नहीं आते। कुण्ड का पानी अभी से गंदा होने लगा है। ऐसे में, कुण्ड सहित पूरा परिसर कब तक साफ रहता है, यह भगवान भरोसे है।

मूर्तियों का होता है विसर्जन
धार्मिक उत्सवों जैसे दुर्गा पूजा, सरस्वती और विश्वकर्मा पूजा के बाद यहां मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। आसपास रहने वाले लोग पोखड़े में स्नान आदि भी करते थे, लेकिन पानी सूख जाने के कारण यह जगह उपेक्षित हो गई थी। एक बार फिर प्रशासन की दुरुस्ती के बाद यहां रौनक लौट आई है और लोगबाग जुटने लगे हैं। बच्चे भी गर्मी की छुट्टियों का लुफ्त यहां उठा रहे हैं।

- काशी पत्रिका "टीम"

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