घुमक्कड़ साथी - Kashi Patrika

घुमक्कड़ साथी

उटकमंडलम या ऊटी

उटकमंडलम या ऊटी


अभी तक हमने जितनी भी जगहें घूमी वो अक्सर उत्तर भारत में स्थित थी। आज आप का ये घुमक्कड़ साथी आप को उदगमंडलम की खूबसूरत वादियों की सैर पर ले जायेगा. उटकमंडलम या ऊटी तमिलनाडु राज्य का एक शहर है। कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा पर बसा यह शहर मुख्य रूप से एक पर्वतीय स्थल (हिल स्टेशन) के रूप में जाना जाता है। कोयंबतूर यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा है। सड़को द्वारा यह तमिलनाडु और कर्नाटक के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा है परन्तु यहाँ आने के लिये कन्नूर से रेलगाड़ी या ट्वाय ट्रेन किया जाता है। यह तमिलनाडु प्रान्त में नीलगिरि की पहाडियो में बसा हुआ एक लोकप्रिय पर्वतीय स्थल है। उधगमंडलम शहर का नया आधिकारिक तमिल नाम है। ऊटी समुद्र तल से लगभग ७,४४० फीट (२,२६८ मीटर) की ऊचाई पर स्थित है।


उटकमंडलम रेलवे 

यहाँ पहुंचने तक का सबसे खूबसूरत सफर कुन्नूर से शुरू होता है। हम लोगों ने अपना सफर दिल्ली से शुरू किया।  हमारी ये हवाई यात्रा ३ घण्टे के आस-पास की रही और हम आ पहुंचे कुन्नूर । हमने कुन्नूर में एक टेक्सी हायर की और सीधे मेट्टुपलायम रेलवे स्टेशन पहुंच गए से। यहाँ से आप ऊटी तक के लिए टॉय ट्रैन ले सकतें है। तीन घण्टे की ये यात्रा आपकी यात्रा के सबसे खूबसूरत लम्हें होंगे जब ट्रैन घुमावदार रास्तों से होते हुए ऊटी पहुँचती है। नीलगिरि पर्वत अपनी खूबसूरत वादियों और घाटियों के लिए विश्वविख्यात हैं।

जॉस्टल ऊटी 
ऊटी शहर के चारों ओर स्थित नीलगिरी पहाड़ियों के कारण इसकी सुंदरता बढ़ जाती है। इन पहाड़ियों को ब्लू माउन्टेन (नीले पर्वत) भी कहा जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस स्थान का नाम यहाँ की घाटियों में 12 वर्ष में एक बार फूलने वाले कुरुंजी फूलों के कारण पड़ा। ये फूल नीले रंग के होते हैं तथा जब ये फूल खिलते हैं तो घाटियों को नीले रंग में रंग देते हैं। इस शहर के इतिहास की जानकारी तोड़ा जनजाति से मिल सकती है क्योंकि 19 वीं शताब्दी में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन प्रारंभ होने के पहले यहाँ इसी जनजाति का शासन था।

ऊटी लेक 

ऊटी में तथा इसके आसपास पर्यटन स्थल बोटेनिकल गार्डन, डोडाबेट्टा उद्यान, ऊटी झील, कलहट्टी प्रपात और फ्लॉवर शो आदि कई कारण हैं जिनके लिए ऊटी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। एवलेंच, ग्लेंमोर्गन का शांत और प्यारा गाँव मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान आदि ऊटी के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। हमने इन में से लगभग सभी देखा और हमारा ऊटी का सफर ३ दिनों का था।  हमने एड्वेंचरे स्पोर्ट्स भी किया और कैंपिंग भी।

यहां के भोजन का स्वाद हमारे उत्तरी भारत के भोजन से अलग है और स्वाद हल्का तीखा पैन लिए है यहाँ के लोकल खाने का लुतफ उठाना मत भूले और मिल जाए तो किसी लोकल बाशिंदे के साथ पूरा एक दिन बिताए और यहाँ की दिनचर्यां को समझें जैसा होने किया।


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