मोदी जी का बनारस तीसरा सबसे प्रदूषित शहर - Kashi Patrika

मोदी जी का बनारस तीसरा सबसे प्रदूषित शहर


भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में बनारस तीसरे पायदान पर है। खास बात यह है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और यहां केंद्र-राज्य सरकार की ओर से कई स्वच्छता संबंधी योजनाएं चलाई जा रही हैं। मोदीजी ने बनारस की गलियों से लेकर घाटों तक, सड़कों से लेकर शहर के कोने-कोने तक विशेष सफाई अभियान संबंधी निर्देश जारी कर रखें हैं। लेकिन तमाम कवायदों के बाबजूद हालात सिफर हैं।

 14 प्रदूषित शहरों में कानपुर अव्वल
मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जेनेवा में दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की गई। इनमें भारत के 14 शहर शामिल हैं, जिनमें कानपुर अव्वल है। वहीँ बनारस तीसरे, जबकि देश की राजधानी दिल्ली छठे स्थान पर है।

वायु प्रदूषण से बिगड़े हालात
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि वायु प्रदूषण के मामले में भारत के 14 शहरों की स्थिति बेहद खराब है। इस सूची में उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शहर कानपुर पहले स्थान पर है। कानपुर के बाद फरीदाबाद, वाराणसी, गया, पटना, दिल्ली, लखनऊ, आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुड़गांव, जयपुर, पटियाला और जोधपुर शामिल हैं। पंद्रवें स्थान पर कुवैत का अली सुबह अल- सलेम शहर है।

दिल्ली में कुछ सुधार
डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि 2010-2014 के बीच में दिल्ली के प्रदूषण स्तर में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन 2015 से स्थिति फिर बिगड़ने लगी है। वायु प्रदूषण को लेकर डब्ल्यूएचओ 100 देशों के 4,000 शहरों का अध्ययन किया है। यह अध्ययन बताता है कि दिल्ली में 2010 और 2014 के बीच हवा की स्थिति में मामूली सुधार आया, लेकिन 2015 से हालात फिर बिगड़ने लगे।

सरकार की कोशिशें नाकाम!
भारत में 2016 में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए। अक्टूबर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, दिसंबर 2015 में ट्रकों पर पर्यावरण प्रतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) और वायु प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर एनसीआर के शहरों के बीच बेहतर समन्वय जैसे उपाय इनमें शामिल हैं। सरकार की ओर से उठाए गए कदमों से स्थिति कितनी सुधरी, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई, क्योंकि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में  2016 तक के आंकड़ों को ही शामिल किया गया है। 2013, 2014 और 2015 में भी दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के चार से सात शहर ही शामिल थे, लेकिन मंगलवार को जारी 2016 के आंकड़ों में दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 14 शहरों को जगह मिली।

70 लाख लोगों की होती है मौत
डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया के 10 में से 9 लोग काफी प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, "वायु प्रदूषण के कारण हर वर्ष दुनिया में 70 लाख लोगों की मौत हो जाती है।" वायु प्रदूषण के कारण हृदय, सांस संबंधी बीमारी हो जाती है, जिसकी परिणति मौत में हो जाती है।
-सोनी सिंह

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