ऐसे तो बीएचयू, वाराणसी अपनी अलग तरह के कोर्सों के लिए ख्याति लब्ध और विश्वविख्यात है पर यहाँ पर भारतीय अध्यन की अनन्य संभावनाए हैं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बना भारत अध्यन केंद्र अपनी तरह का अनूठा केंद्र है जहाँ भारत को ही केंद्र में रखकर कई कोर्स संचालित किए जाते हैं -
भारत अध्यन केंद्र भारत के बारे में अध्यन करता हैं ये भारत से जुड़ी अनेक पुरानी विद्याओं के बारे में अध्यन करता हैं। साहित्य से लेकर विज्ञान तक की भारत की अनूठी परंपरा को संजोने का एक माध्यम है और भविष्य में इसकी सम्भावनों को तलाशता।
मुख्य उद्देश्य :
१- पुरा भारतीय विद्याओं के माध्यम से उनके विभिन्न विषयों पर शोध करना जैसे फिलॉसोफी, लिटरेचर, कल्चर, आर्ट , एस्थेटिक, हिस्ट्री और साइंस।
२- संस्कृत से जुड़े विद्वानों का समन्वय जिन्हे वैदिक सस्कृत का ज्ञान हो और जो पुरा भारतीय ज्ञान को आधुनिक ज्ञान में सम्मलित करना चाहते हो। इनके विभिन्न क्षेत्रो के विद्वानों से विचार विमर्श।
३- पुरा वैज्ञानिक परम्पराओं को जीवित करना और युवाओं को भारतीय परम्पराओं से जोड़ना।
४- पुरानी मैन्युस्क्रिप्ट को संकलित करना और उनका प्रकाशन करना।
५- लोक विद्याओं को जीवित करना।
६- सभी विद्याओ का संकलन और प्रकाशन जिससे मानवता का विकास हो।
शोध के विषय
वेद, काव्य और काव्यशास्त्र, आर्ट और आर्किटेक्चर, आयुर्वेदा, अर्थशास्त्र और राजशास्त्र,संगीता ,लोकविद्या ,वैदिक विज्ञान।
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