वैश्विक एकता का प्रतीक कुंभ 2019 - Kashi Patrika

वैश्विक एकता का प्रतीक कुंभ 2019

इस बार इलाहबाद (प्रयाग) में लगने वाले कुंभ का आयोजन खास होगा। विश्व मानचित्र पर यूनेस्को द्वारा कुंभ को वैश्विक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता देने के बाद यह पहला कुंभ आयोजन होगा, जिसमें कई देशों के लोग शामिल हो सकते हैं।  दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री देश के लगभग सभी गांवों को स्वयं कुंभ में शामिल होने का न्यौता देंगे। तकनीकी का भी इस्तेमाल इस कुंभ में बड़े पैमाने पर होने की उम्मीद है, जिसमें गूगल मैप और ड्रोन कैमरे शामिल हैं....

मुख्यमंत्री ने “अर्द्धकुंभ” का नाम कुंभ किया
आम परंपरा 6 साल में अर्द्धकुंभ और 12 वर्ष में कुंभ के आयोजन की रही है। हालांकि, प्रयागराज मेला प्राधिकरण के गठन के दौरान योगी सरकार ने अर्द्धकुंभ का नाम 'कुंभ' में परिवर्तित कर दिया। इसके पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तर्क था कि भारतीय आध्यात्मिक परंपरा में 'अर्द्ध' की नहीं 'पूर्ण' की परिकल्पना है।

192 देशों के राजदूत होंगे शामिल
कुंभ 15 जनवरी से 4 मार्च तक चलेगा। 192 देशों के राजदूतों को बुलावे के साथ ही 24-25 जनवरी को दुनिया भर में फैले प्रमुख एनआरआई चेहरों की जुटान बनारस में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के जरिए कराई जाएगी। प्रवासी भारतीयों को स्पेशल ट्रेन से ले जाकर कुंभ का दर्शन कराया जाएगा। केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी इन अभियानों की अगुआई करेंगे।

विदेशों में प्रदेश सरकार कर रही हैं प्रचार-प्रसार 
इस बार कुंभ को पहली बार वैश्विक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता मिली हैं। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार विदेशों में कुंभ 2019 के होने वाले आयोजन का प्रचार-प्रसार कर रही हैं। जिससे इसमें बड़ी संख्या में विदेशियों को भी भारतीय संस्कृति के दर्शन करा सके।

हर राज्य के मुख्यमंत्री और गांवों को विशेष आमंत्रण
माना जा रहा हैं कि मेले की भव्यता का दर्शन कराने के साथ ही राज्य सरकार राज्य के पर्यटन को बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। इस बाबत मुख्यमंत्री योगी हर राज्य के मुख्यमंत्री और गांवों में एक विशेष निमंत्रण भेजेंगे जो उन्हें कुंभ 2019 में शामिल होने के लिए भेजा जाएगा।

गूगल मैप पर कुंभ मेले की पूरी जानकारी 
2019 में होने वाले कुंभ मेले में इलाहाबाद आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। गूगल मैप में कुभ मेले की पूरी जानकारी दी जाएगी। इसके लिए ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है, जिसमें कुंभ मेले की हर एक जानरकारी होगी। हर कोई अपनी लोकेशन गूगल मैप पर देख सकेंगे।
काशी पत्रिका 

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