गधों के सर पर पहले सींग हुआ करता था, जो दिन भर बोझ ढो चुकने के बाद अपना गुस्सा निकालने के लिए शाम को इधर-उधर टहलते और जो कमज़ोर दिखता उसपर अपनी सींग का प्रदर्शन करते। सभ्य-भले लोगों ने मायावी जज के पास फ़रियाद लगाईं और जज ने तुरंत फैसला सुनाया की गधों के सींग आज से गायब हो जाएंगे। फिर क्या, एक तब का दिन था और एक आज का दिन है गधे बेचारे बिना सींग के बोझ ढोने को मजबूर हैं। खैर, ये तो हो गई राजनीतिक टिप्पणी। आज जमाना लड़कियों का है, तो क्यों न उनका ही गुणगान करें...
दादी नानी के किस्से पुराने हो चले हैं, जिनमें पहले परियाँ उड़ा करती थीं। अब जमाना हवाई जहाज का है। किसी
चमत्कार की जरुरत भी नहीं है और आप हवा में पूरी दुनिया का सफर तय कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ कारनामा पंजाब की दो लड़कियां करने वाली हैं। आरोही पंडित और कैथेर मिसकीटा जल्द ही अपने लाइट स्पोर्ट ऐरक्राफ्ट में 90 दिनों में पूरी दुनिया का सफर तय करने वाली हैं। 215 किमी की रफ़्तार से उड़ने वाले यह ऐरक्राफ्ट एक बार में चार घंटे से कुछ ज्यादा उड़ान भर सकता है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो मैहर और कैथेर अपने माही ऐरक्राफ्ट में तीन महाद्वीपों से होते हुए 40,000 किमी और 23 देशों का सफर 90 दिनों में पूरा करेंगी। इनका हवाई सफर ईरान, तुर्की, स्लोवेनिया, ऑस्ट्रिया, से होता हुआ यूनाइटेड किंगडम पहुंचेगा, जहाँ से दोनों आइसलैंड और ग्रीनलैंड होते हुए अटलांटिक महासागर को पार कर कनाडा पहुचेंगी। यूएसए की उड़ान के बाद ये दोनों बेरिंग स्ट्रेट से उड़ान भरते हुए रसिया पहुचेंगी। सफर का अंत चीन और म्यांमार और म्यांमार के रस्ते भारत आना है। अब सफर इतना साहस भरा होगा तो प्रोत्साहन क्यों कम हो? मेनका गांधी (महिला एवं बाल विकास मंत्रालय) ने दोनों की प्रशंसा की और कहा 'भारत की बेटियों को ये दोनों अपनी सशक्त कार्रवाई से सशक्त बनाने का एक वास्तविक उदाहरण भी स्थापित करेंगी।"
सवारी मेरी भी तुम्हारी भी
1885 में पहली कार बनने के बाद से ही इसने लोगों के दिलों पे राज किया हैं। रफ़्तार का जुनून हर किसी को है,
पर कुछ लोगों ने अभी तक इसे चलाने में मर्द और औरत का फर्क कर रखा था। 24 जून 2018 को एक अच्छी खबर सऊदी से तब आई, जब वहां महिलाओं को ड्राईव करने के लाइसेंस जारी होने लगे। अब जब उन्हें खुद से कार चलाने का अधिकार मिल गया हैं तो वो आसानी से अपना व्यापार भी कर सकती हैं। अभी तक सऊदी में कामकाजी लोगों में महिलाओं की केवल 23 प्रतिशत भागीदारी हैं। अब जब उनकी रफ़्तार बढ़ी हैं, तो ऐसा माना जा रहा है कि उनके कार्य करने की तरीकों में भी बदलाव आएगा। सऊदी के प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान भी इससे उत्साहित हैं और उन्होंने 2030 तक वहां कामकाजी महिलाओं की भागीदारी 30 प्रतिशत करने का मन बना लिया है। चलो इससे एक बात तो पता चली की 'देर आए पर दुरुस्त आए।'
'आओ सहेली'
2019 का इलाहबाद कुंभ विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक मेला होने वाला है। इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु
आएँगे। आने वाले श्रद्धालुओं में 50 % संख्या महिलाओं की होती हैं। पर अब तक उनके लिए यहाँ कुछ ख़ास प्रबंध नहीं होता था। इस बार पुलिस प्रशासन की नींद खुली है, तो हो सकता हैं कुछ अच्छा हो जाए।
कुंभ मेले को ध्यान में रखते हुए 1 जुलाई 2018 को इलाहाबाद के पुलिस प्रशासन ने विभिन्न समाजसेवी महिलाओं, महिला स्वयंसेवकों और महिला कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई। बैठक में उनसे होने वाले कुंभ के लिए महिलाओं को ध्यान में रखते हुए इंतजामात के विषय में विस्तार से चर्चा की गई। वैसे तो देश के सरकारी दफ्तरों में मीटिंग्स होने और फाइलों के घूमने की एक लम्बी प्रथा है, लेकिन अगर इस बार कुंभ में जैसा इन महिलाओं ने बताया है वैसी व्यवस्था हो गई, तो महिलाओं को प्रशासन की दुस्वारिओं से दो-चार नहीं होना पड़ेगा।
■सिद्धार्थ सिंह
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