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वाराणसी
पर्यटन मंत्रालय व स्पीक मैके की ओर से अस्सी घाट पर अतुल्य भारत के तहत सास्कृतिक धरोहर श्रृंखला में रविवार को आयोजित संगीत संध्या में पं. हरि प्रसाद चौरसिया की बासुरी श्रोताओं को विभोर कर गई। उन्होंने राग यमन में आलाप जोड़-झाला बजाया और इसी राग में रूपक ताल में बंदिश सुनाई। चैती की धुन से मंत्र मुग्ध किया। पखावज पर पं. भवानी शकर, तबले पर शुभंकर बनर्जी व बासुरी पर देवोप्रिया ने संगत किया। श्रुति सडोलिकर काटकर ने हिंदुस्तानी गायन प्रस्तुत किया। तबले पर संगत विनोद लेले ने की।