उम्मीदों की काशी - Kashi Patrika

उम्मीदों की काशी

उम्मीदों की काशी
विश्व की प्राचीनतम नगरी काशी विश्व पटल पर पहचान की मोहताज नहीँ है, लेकिन गलियों से पटा शहर विकास से कदमताल करने में थोड़ा पिछड़ जाता है। प्राचीन बनावट के कारण ब्रिज, ओवरहेड वायर या मेट्रो जैसी योजनाओं को यहां जामा पहनाना कड़ी चुनौती है, क्योंकि विकास की रफ्तार में बनारस के मूल रूप को भी बचाकर रखना जरूरी है। "उम्मीदों की काशी" में काशी के हाल-फिलहाल बदले स्वरूप और भावी योजना को समेटने का प्रयास किया गया है।


बाबा विश्वनाथ का "आनंद वन"
काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर गंगा घाट तक जोड़कर एक सुसज्जित आनंद वन क्षेत्र विकसित करने की योजना है। इस महत्वाकांशी योजना के तहत विश्वनाथ मंदिर को सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर पूरे लाल पत्थरों से नागर शैली में तैयार किया जाएगा। इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा घाट तक पूरा क्षेत्र अधिगृहीत किया जाएगा। चार विशाल और भव्य प्रवेश द्वारों के साथ मंदिर परिसर को गंगा तक विस्तार देते हुए मंदिर परिसर का वृहद विकास किया जाएगा। प्राचीन काल में यह क्षेत्र आनंद वन के नाम से अस्तित्व में था। ग्रंथों में वर्णित उसी आनंद वन को 20 हजार वर्ग मीटर में पुन: स्थापित करने की तैयारी है।
यह भी योजना है कि मंदिर परिक्षेत्र में मिलने वाली सभी पुरातन प्रतिमाओं की जांच कराकर उनका जीर्णोद्धार भी कराया जाएगा। क्षेत्र के मंदिरों को परिसर में लेकर उनका भी विकास होगा। सभी मंदिरों-प्रतिमाओं का महत्व और इतिहास प्रतिमा के पास शिलापट्ट पर अंकित कराया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना होने से इसके लिए 650 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत हो चुका है।

मेट्रो या मोनो की रफ्तार से कदमताल
काशीवासियों को मेट्रो की रफ्तार से कदमताल कराने की राह में शहर का प्राचीन बसावट रोड़ा बनता दिख रहा है। इस वजह से वाराणसी में मेट्रो के साथ अब मोनो रेल चलाने की भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इसके लिए सर्वे करने आई राइट्स की टीम मेट्रो के साथ-साथ मोनो रेल रूट की डीपीआर भी तैयार कर रही है। ऐसा इसलिए किया जा कि यदि मेट्रो के संचालन के लिहाज से फिजिबिलिटी नहीं मिली, तो मोनो रेल के विकल्प पर काम शुरू कराया जा सके।
काशी में मेट्रो चलाने के लिए पहले कराए गए सर्वे में बीएचयू से लेकर भेलूपुर तक और बेनियाबाग से लेकर सारनाथ तक दो रूट तय किए गए थे। अब दोबारा सर्वे में इन दोनों रूटों पर करीब 29 किमी लंबी मेट्रो रेल लाइन के लिए संभावनाएं  तलाशी जा रही हैं। इस योजना पर करीब 17 हजार करोड़ रुपए खर्च आने की संभावना है। हालांकि, मेट्रो या मोनो से काशी की रफ्तार बढ़ाना अभी टेढ़ी खीर है, क्योंकि राइट्स के सर्वे में सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद ही इसकी अनुमति मिल सकती है।

'वायरलेस सिटी'
काशी को ओवरहेड बिजली के तारों से छुटकारा मिल गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, शहर के 16 स्क्वॉयर किलोमीटर इलाके में बिछ रहे अंडरग्राउंड बिजली के तारों का काम विभाग ने पूरा कर लिया है। पूर्व केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने वर्ष 2015 (जून) में 432 करोड़ से अंडरग्राउंड केबल बिछाए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद सितंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में 45,000 करोड़ रुपये की इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आईपीडीएस) योजना का उदघाट्न किया था और दिसंबर 2015 में इस पर काम शुरू हुआ। हालाँकि, ओवरहेड वायर बिछाने में प्रशासन का पसीना छूट गया।

कैंट और सिटी स्टेशन का कायापलट
उत्तर रेलवे का वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन और पूर्वोत्तर रेलवे का सिटी स्टेशन विश्वस्तरीय ट्रांजिट हब के रूप में विकसित किया जाएगा। रेल मंत्रालय ने विकसित किए जाने वाले 90 वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशनों की सूची जारी की है। इसमें वाराणसी कैंट, वाराणसी सिटी, मुगलसराय, इलाहाबाद, गोरखपुर, लखनऊ, गोमतीनगर सहित उत्तर प्रदेश के 11 रेलवे स्टेशन शामिल किए गए हैं। यहां न केवल यात्री सुविधाओं का विकास होगा, बल्कि कार्गो सुविधाओं में भी आमूल चूल परिवर्तन आएगा।
एयरपोर्ट की तर्ज पर इन रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जाना है। वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर यह कार्य प्रगति पर है। इसी तर्ज पर वाराणसी सिटी को भी विकसित किया जाएगा।

रियल इस्टेट में उछाल
स्मार्ट सिटी बनने के साथ ही वाराणसी में रियल इस्टेट का दाम तेजी से बढ़ा है। बीते चार सालों में वाराणसी की जमीनों के दाम में तेजी से इजाफा हुआ है। साथ ही विकास योजनाओं के कारण वाराणसी का शहरी क्षेत्र भी बढ़ा है। वाराणसी-बाबतपुर होते हुए जौनपुर, वाराणसी-आजमगढ़ और वाराणसी-गाजीपुर मार्ग को फोरलेन, रिंग रोड फेज वन व टू तथा प्रस्तावित फुलवरिया फोरलेन परियोजना से शहर से करीब 20 किलोमीटर एरिया में सबसे ज्यादा जमीन की रजिस्ट्री हुई है। इसे देखते हुए पिछले 4 सालों में तीन बार वाराणसी के सर्किल रेट बढ़ाया जा चुका है और फिर 15 से 25 फीसद तक वृद्धि करने की तैयारी प्रशासन ने कर ली है।
-सोनी सिंह

No comments:

Post a Comment