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32 करोड़ की लागत से बना था ताज!


यूपी में  बीते बुधवार को आए तूफान से ताजमहल को बड़ा नुकसान हुआ है। ताज की दो मीनारों में कंपन महसूस किया गया, जिससे एक मीनार की खिड़की का पल्ला टूट गया। UNESCO द्वारा घोषित वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स में शुमार ताज के रख-रखाव पर खर्च उससे होने वाली आमदनी के मुकाबले बहुत कम होता है।

भूकंपरोधी  ढांचा


इतिहासकारों के मुताबिक शाहजहां ने ताजमहल को ऐसा बनवाया है कि भूकम्प से उसे नुकसान न पहुँचे। पहली बार कुदरती कहर से ताज के मुख्य ढांचे को नुकसान पहुंचा है। अप्रैल 2015 में आए भूकंप में भी इसे नुकसान नहीं हुआ था। शाहजहां द्वारा 17वीं सदी में बनवाई गई इस इमारत की मीनारें बाहर की ओर झुकी हैं, ताकि भूकंप से अगर कभी मीनार गिरे तो बाहर की ओर गिरे और गुंबद को नुकसान न हो।


कमाई से ज्यादा रख-रखाव पर खर्च

अक्टूबर 2017 में जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक 2013 से 2016 के बीच ताजमहल से 75 करोड़ रुपए से ज्यादा का रेवेन्यू जनरेट हुआ। वहीं इस दौरान उसके रख-रखाव पर कुल 11 करोड़ रुपए खर्च किया गया। अप्रैल 2016 से जून 2016 के बीच ताज महल से एंट्री टिकट और अन्य पेड सेवाओं से 8.31 करोड़ का रेवेन्यू मिला, वहीं इस दौरान इस इमारत के रख-रखाव पर कुल 24.71 लाख रुपए खर्च किए गए। ताजमहल के कन्जर्वेशन के लिए एएसआई को यूनेस्को से भी फंड मिलता है।
 tajmahal.org.uk के मुताबिक इस खूबसूरत इमारत का निर्माण सन् 1631 में शुरू होकर सन् 1653 में पूरा हुआ था। ताजमहल के निर्माण के लिए शाहजहां ने अफगानी आर्किटेक्ट उस्ताद अहमद लाहौरी को लगाया था।इस इमारत को बनाने में 20 हजार मजदूर जुटे थे।उस जमाने में ताजमहल को बनाने का खर्च तकरीबन 32 करोड़ रुपए आया था। इसका गुंबद और मकबरा बनाने में 15 साल का वक्त लगा था, जबकि मीनारें, मस्जिद और दरवाजे 5 साल में तैयार हो गए थे।

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