मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार धूलभरी आंधी और बवंडर का
खतरा अभी टला नहीं है। मौसम विभाग ने शनिवार को अगले तीन दिन (5 से 7 मई) के लिए 12 राज्यों में तेज आंधी-तूफान की आशंका जताई है।
यूपी-राजस्थान सहित देश के उत्तरी इलाकों में बुधवार को धूल भरी आंधी चली थी, जिसने भारी तबाही मचाई और दर्जनों की मौत का सबब बना। इसके असर से गुरुवार को दक्षिणी राज्यों में जमकर बारिश हुई। मौसम के इस पलटे मिजाज का असर 12 राज्यों पर पड़ा। इसमें 133 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। 300 से ज्यादा घायल हो गए। हजारों मकान, सैकड़ों वाहन और फसलों को नुकसान पहुंचा। आगरा के ताजमहल पर भी इसका असर पड़ा।
मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार धूलभरी आंधी और बवंडर का खतरा अभी टला नहीं है। मौसम विभाग ने शनिवार को अगले तीन दिन (5 से 7 मई) के लिए 12 राज्यों में तेज आंधी-तूफान की आशंका जताई है। साथ ही उत्तर-पूर्व और दक्षिण के कुछ राज्यों में भारी बारिश की भी चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 5 से 7 मई तक उत्तराखंड, राजस्थान, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल में अलग-अलग स्थानों पर आंधी-तूफान की आशंका है। इसी दौरान तमिलनाडु, केरल, असम, मेघालय और त्रिपुरा के हिस्सों में भारी बारिश भी हो सकती है।
5 मई: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के कुछ इलाकों में तेज हवा और धूलभरी आंधी चल सकती है।
6 मई: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में तेज हवा के साथ धूलभरी आंधी आ सकती है, ओले भी गिर सकते हैं।
7 मई: हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ ओले गिर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के कुछ हिस्सों में आंधी और तेज हवाएं चल सकती हैं। पश्चिमी राजस्थान के हिस्सों में धूल का गुबार यानी बवंडर उठ सकता है।
मौसम विभाग के मुताबिक तीन दुर्लभ वेदर सिस्टम के कॉम्बिनेशन ने ये हालात बनाए। वेस्टर्न डिस्टरबेंस ने राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनाया। इससे गरजने वाले बादल बने। यह पैटर्न यूपी होते हुए बिहार पहुंचा। वहां बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी मिली। उच्च तापमान के चलते तूफान जैसा माहौल बन गया। करीब 1500 मीटर की ऊंचाई पर वेदर सिस्टम बनता है। जब किसी सूखे इलाके में 90% तक नमी वाली हवाएं भारी मात्रा में अचानक पहुंच जाती हैं, तो इससे गरज वाले बादल बनने लगते हैं और तूफान जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। यह सब कुछ दो घंटे के अंदर ही होता है, जिससे निपटने की तैयारी का वक्त नहीं मिल पाता है।
खतरा अभी टला नहीं है। मौसम विभाग ने शनिवार को अगले तीन दिन (5 से 7 मई) के लिए 12 राज्यों में तेज आंधी-तूफान की आशंका जताई है।
यूपी-राजस्थान सहित देश के उत्तरी इलाकों में बुधवार को धूल भरी आंधी चली थी, जिसने भारी तबाही मचाई और दर्जनों की मौत का सबब बना। इसके असर से गुरुवार को दक्षिणी राज्यों में जमकर बारिश हुई। मौसम के इस पलटे मिजाज का असर 12 राज्यों पर पड़ा। इसमें 133 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। 300 से ज्यादा घायल हो गए। हजारों मकान, सैकड़ों वाहन और फसलों को नुकसान पहुंचा। आगरा के ताजमहल पर भी इसका असर पड़ा।
मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार धूलभरी आंधी और बवंडर का खतरा अभी टला नहीं है। मौसम विभाग ने शनिवार को अगले तीन दिन (5 से 7 मई) के लिए 12 राज्यों में तेज आंधी-तूफान की आशंका जताई है। साथ ही उत्तर-पूर्व और दक्षिण के कुछ राज्यों में भारी बारिश की भी चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 5 से 7 मई तक उत्तराखंड, राजस्थान, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल में अलग-अलग स्थानों पर आंधी-तूफान की आशंका है। इसी दौरान तमिलनाडु, केरल, असम, मेघालय और त्रिपुरा के हिस्सों में भारी बारिश भी हो सकती है।
5 मई: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के कुछ इलाकों में तेज हवा और धूलभरी आंधी चल सकती है।
6 मई: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में तेज हवा के साथ धूलभरी आंधी आ सकती है, ओले भी गिर सकते हैं।
7 मई: हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ ओले गिर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के कुछ हिस्सों में आंधी और तेज हवाएं चल सकती हैं। पश्चिमी राजस्थान के हिस्सों में धूल का गुबार यानी बवंडर उठ सकता है।
मौसम विभाग के मुताबिक तीन दुर्लभ वेदर सिस्टम के कॉम्बिनेशन ने ये हालात बनाए। वेस्टर्न डिस्टरबेंस ने राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनाया। इससे गरजने वाले बादल बने। यह पैटर्न यूपी होते हुए बिहार पहुंचा। वहां बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी मिली। उच्च तापमान के चलते तूफान जैसा माहौल बन गया। करीब 1500 मीटर की ऊंचाई पर वेदर सिस्टम बनता है। जब किसी सूखे इलाके में 90% तक नमी वाली हवाएं भारी मात्रा में अचानक पहुंच जाती हैं, तो इससे गरज वाले बादल बनने लगते हैं और तूफान जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। यह सब कुछ दो घंटे के अंदर ही होता है, जिससे निपटने की तैयारी का वक्त नहीं मिल पाता है।
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