बनारस की गर्मी, मई का महीना तिस पर दोपहर का समय, केशव पान भंडार पर लोग इक्का-दुक्का ही थे। एक शख्स दुकान पर पहुंचे, मुँह में पहले से घुला पान थूका, पानी से कुल्ला किया और पान लगाने को कहके आसपास नजर घुमाई। पास ही खड़े परिचित चेहरे को देख प्रफुल्लित हो गए और अभिनंदन हुआ, "महादेव", उधर से भी उत्तर आया, "महादेव गुरू।"आगे बातचीत बढ़ी, "का भाय(भाई), बाबा के त काया पलट हो गयल( विश्वनाथ जी की कायापलट हो गई) । मेरी तरफ एक बार देखा, फिर आगे की बातचीत हिंदी में आगे बढ़ी।
"जब से मोदीजी के हो गए बाबा के भी भाग बदल गए लगता है। अब तो सुना है काशी विश्वनाथ मंदिर का सुंदरीकरण एवं विस्तारीकरण होने की तैयारी है। बाबा के मंदिर से मणिकर्णिका घाट व ललिता घाट तक जाने वाले रस्ते का चौड़ीकरण तो होगा ही, आसपास के मंदिरों का भी कायापलट हो जाएगा। मंदिर प्रशासन की ओर से 166 मकानों के अधिग्रहण की योजना है, जिनमें एक तिहाई की रजिस्ट्री भी हो चुकी है। कुछ बिचारु (बेचारे) परेशान हैं और कुछ को मलाई मिल गई।"
सामने वाला अब तक ध्यान से सुन रहा था उत्तर में बोला, "का जाने भाय, आगे कौनन के किस्मत बदली(आगे किन लोगों की किस्मत बदले)। हम तो छोट भाई के नौकरी बदे परेशान हई (मैं तो छोटे भाई की नौकरी के लिए परेशान हूँ)।" सज्जन आगे बोले, " बाबा का क्या! उनके दरबार में पहले से ही भीड़ बहुत है। सौंदयीकरण न भी होता, तो क्या फर्क पड़ता। स्वयं मोदीजी भी आशीर्वाद लेने आते हैं, सुंदरता देखने थोड़ी। रोजगार की आस में भाजपा को चुने थे पर...।" तब तक पान मुँह में पहुँच गया और आगे मुँह बंद।
उन दोनों की बातचीत गौर से सुन रहे केशव चौरसिया अब बोले, "मोदीजी ने तो
बनारस (लोकसभा) चुनाव से पहले ही जलवा दिखा दिया था। हम सभी पान वालों की उम्मीद पर पानी फेर दिया था। बनारस के पान बेचने वाले समुदाय को उम्मीद थी कि मोदी उन्हें प्रस्तावक बनाएंगे। बीजेपी की बनारस इकाई ने बाकायदा हमसे संपर्क कर प्रस्तावक बनने का आग्रह भी किया था। अखबारों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने भी इस खबर को खूब चलाया था कि पान वालों को मोदी का प्रस्तावक बनाया जाएगा। पर फिर बात आई-गई हो गई।" सभी के चेहरे पर कुछ भाव आएं, फिर अपनी-अपनी राह निकल लिए। केशव चौरसिया अपने पान में व्यस्त हो गए।
बड़ी हस्तियों ने चखा यहां का पान
केशव ताम्बूल भंडार, लंका चौराहे से पहले रविदास गेट के समीप स्थित वहीँ मशहूर दुकान है, जहां के पान ने कभी सपा सुप्रीमो रहे मुलायम सिंह के जीभ का स्वाद बढ़ाया, तो वर्तमान में अमित शाह को भी अपना स्वाद चखाया। हिंदी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी यहां पान खाया है।
साठ बरस की साक्षी
देश-प्रदेश में शासन बदलता गया और यह दुकान भी चाहे-अनचाहे इसकी गवाह बनी रही। 1960 में यह दुकान गोपाल प्रसाद चौरसिया ने शुरू किया था। अब उनकी दुकान उनके बड़े लड़के केशव चौरसिया के नाम से मशहूर है।
यहां पान का भी "मौसम" है
इस दुकान पर हर सीजन में अलग-अलग तरह का पान मिलता है। दिसम्बर से लेकर अप्रैल तक मगही पान, मई से जुलाई तक जगन्नाथी पान और अगस्त से सितम्बर तक देशी पान का सीजन होता है।
यहां सादा पान 6 रुपयेर, जर्दा पान 8 से 10 रुपये और मीठा पान 15 रुपये में मिलता है। यहां के स्पेशल गिलौरी पान की कीमत 25 रुपये है।
कुबेर कॉम्प्लेक्स के पास दूसरी शाखा
कुबेर कॉम्प्लेक्स के सामने गली में स्थित ये दुकान 30 साल पुरानी है। दुकान के मालिक यतीन्द्र कुमार चौरसिया हैं। ये दुकान लंका स्थित केशव ताम्बूल भण्डार की ही शाखा है। यहां का मघई, देशी, जगन्नाथी और सांची पान बहुत मशहूर है। वैसे यहां का सबसे स्पेशल पान गिल्लौरी है, जिसकी कीमत 35 रुपये से शुरू है। इसके अलावा सादा पान 10 रुपये, तम्बाकू का पान 3 रुपये से 10 रुपये तक में मिल जाता है।
- सोनी सिंह
"जब से मोदीजी के हो गए बाबा के भी भाग बदल गए लगता है। अब तो सुना है काशी विश्वनाथ मंदिर का सुंदरीकरण एवं विस्तारीकरण होने की तैयारी है। बाबा के मंदिर से मणिकर्णिका घाट व ललिता घाट तक जाने वाले रस्ते का चौड़ीकरण तो होगा ही, आसपास के मंदिरों का भी कायापलट हो जाएगा। मंदिर प्रशासन की ओर से 166 मकानों के अधिग्रहण की योजना है, जिनमें एक तिहाई की रजिस्ट्री भी हो चुकी है। कुछ बिचारु (बेचारे) परेशान हैं और कुछ को मलाई मिल गई।"
सामने वाला अब तक ध्यान से सुन रहा था उत्तर में बोला, "का जाने भाय, आगे कौनन के किस्मत बदली(आगे किन लोगों की किस्मत बदले)। हम तो छोट भाई के नौकरी बदे परेशान हई (मैं तो छोटे भाई की नौकरी के लिए परेशान हूँ)।" सज्जन आगे बोले, " बाबा का क्या! उनके दरबार में पहले से ही भीड़ बहुत है। सौंदयीकरण न भी होता, तो क्या फर्क पड़ता। स्वयं मोदीजी भी आशीर्वाद लेने आते हैं, सुंदरता देखने थोड़ी। रोजगार की आस में भाजपा को चुने थे पर...।" तब तक पान मुँह में पहुँच गया और आगे मुँह बंद।
उन दोनों की बातचीत गौर से सुन रहे केशव चौरसिया अब बोले, "मोदीजी ने तो
बड़ी हस्तियों ने चखा यहां का पान
केशव ताम्बूल भंडार, लंका चौराहे से पहले रविदास गेट के समीप स्थित वहीँ मशहूर दुकान है, जहां के पान ने कभी सपा सुप्रीमो रहे मुलायम सिंह के जीभ का स्वाद बढ़ाया, तो वर्तमान में अमित शाह को भी अपना स्वाद चखाया। हिंदी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी यहां पान खाया है।
साठ बरस की साक्षी
देश-प्रदेश में शासन बदलता गया और यह दुकान भी चाहे-अनचाहे इसकी गवाह बनी रही। 1960 में यह दुकान गोपाल प्रसाद चौरसिया ने शुरू किया था। अब उनकी दुकान उनके बड़े लड़के केशव चौरसिया के नाम से मशहूर है।
यहां पान का भी "मौसम" है
इस दुकान पर हर सीजन में अलग-अलग तरह का पान मिलता है। दिसम्बर से लेकर अप्रैल तक मगही पान, मई से जुलाई तक जगन्नाथी पान और अगस्त से सितम्बर तक देशी पान का सीजन होता है।
यहां सादा पान 6 रुपयेर, जर्दा पान 8 से 10 रुपये और मीठा पान 15 रुपये में मिलता है। यहां के स्पेशल गिलौरी पान की कीमत 25 रुपये है।
कुबेर कॉम्प्लेक्स के पास दूसरी शाखा
कुबेर कॉम्प्लेक्स के सामने गली में स्थित ये दुकान 30 साल पुरानी है। दुकान के मालिक यतीन्द्र कुमार चौरसिया हैं। ये दुकान लंका स्थित केशव ताम्बूल भण्डार की ही शाखा है। यहां का मघई, देशी, जगन्नाथी और सांची पान बहुत मशहूर है। वैसे यहां का सबसे स्पेशल पान गिल्लौरी है, जिसकी कीमत 35 रुपये से शुरू है। इसके अलावा सादा पान 10 रुपये, तम्बाकू का पान 3 रुपये से 10 रुपये तक में मिल जाता है।
- सोनी सिंह
bas man ki ichha ye ho rahi ke ek paan ka bida muh me ghul jaye.. milte hai fir banaras ke kisi chaurahe per.. mahadev
ReplyDeleteमहादेव! धन्यवाद पढ़ने के लिए.
ReplyDeletenice blog :)
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