गपशप
का हो लोगन कइसन हउअ जा बाल बच्चा सब मस्ती में और सुनावल जाए। खरपत्तू का घुमाई का आदत और बढ़ गयल ह। ओके घुमाई का अइसन शौख लगन ह की दुनिया जहान में अइसन कोई जगह नाही होइ जहाँ की उ घूम के नाही अइले होइ। अबहिये पिछले हफ्ता सिक्किम घूम के आयल रहल अब इदा पारी मसूरी गयल ह। हमके लगला की ओकर दिमाग घूमे से ही बढ़ल जात बा। हमहू के कहत रहल लेकिन तोहनिये से बतियावे खातिर हम मना कर देहली।
अबही ले हमनी बहुत से पेड़ लगावे के विषय में बतियावल गयल आज हमनी लगल पेड़ बचावे के विषय में बतियावल जाइ। इदा पारी शहर में बहुते खानी पेड़ लागल ह त हमनी के जिम्मेदारी बा की ओन्हनि के बढे में आपन सहयोग देवल जाए। आधा गर्मी निकल गयल और अगर आधी गर्मी और निकाल दिहल जाए त कुल पेड़ बच जाइ।
ज्यादा धूप होव पे छोटका पेड़ पे पुरान साड़ी और पतला कपड़ा बाँध देवल करा जा उसे धूप सीध नाही लगी और पेड़ भी बचल रही। लोग रोज घर के पौधा में पानी डालला कुछ दिन बहरी के पेड़ में भी पानी पटायल करल जा।
बाकी आज बदे इतनाही आगे का दूसरे खत में।
- बाबा सुतनखु
gap shap ke madhyam se bahut si baate bhi pata chalti hain.. aapka lekh padhata hun.. likhte rahiye
ReplyDeleteji bilkul bas aise hi pathko ka ashirwad milta rahe
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