शिव की नगरी काशी और शिवलिंग का विस्तार
'शहर-बनारस' के पहले दो भाग में हमने आपको काशी में शिवलिंगो के भिन्न-भिन्न स्थान, क्रमशः २० स्थान एक स्तम्भ में बताएं है। चलिए आज हम आपको पुनः २० और स्थानों से अवगत कराते है। काशी जो नगरी ही भगवान शिव की है वहां आखिर कौन ऐसा भक्त होगा जो शिव के दर्शन स्थान से अनभिज्ञ हो फिर भी हमने इन रमणीय शिव और उनके शिवलिंग की एक सूची तैयार की है जो बनारस भ्रमण और भोलेनाथ के दर्शन की कामना लिए आने वाले प्रयटक जनो के लिए निःसंदेह लाभकारी ही होगा।
शिवलिंग स्थान
४१. लांगलीश्वर खोवा गली
४२. त्रिपुरान्तकेश्वर सिगरा
४३. मनहप्रकामेश्वर साक्षी विनायक
४४. प्रीतिकेश्वर "
४५. मदालेश्वर कालिका गली
४६. नीकॉमभेश्वर विश्वनाथगली
४७. कुम्बरेश्वर "
४८. परशुरामेश्वर नंदनसाहु गली
४९. गांगेश्वर ज्ञानवापी
५०. महाकालेश्वर मछोदरी
५१. प्रह्लादकेश्वर प्रह्लाद घाट
५२. औंकारेश्वर छित्तनपुरा
५३. त्रिलकोचन महादेव त्रिलोचन घाट
५४. आदि महादेव "
५५. वासेश्वर हंसतीर्थ
५६. रत्नेश्वर वृद्धकाल
५७. चंद्रेश्वर सिद्देश्वरी
५८. धर्मेश्वर लाहौरी टोला
५९. विश्वकर्मेश्वर ग्वालगड्डा
६०. अभिमुक्तेश्वर ज्ञानवापी
तो आप भी बाबा भोले के दर्शन करने अपनी गलियों में घूम फिर कर अब संध्या आरती कर विश्राम करते होंगे। आपको 'काशी पत्रिका' के आने वाले अंकों में हम 'शहर-बनारस' में शिवलिंग के स्थान,भाग-४; में पुनः २० स्थानों को उद्धृत करेंगे।
*यहाँ बता दे के लेखक श्री शम्भूनाथ मानव जी ने काशी में शिवलिंगो की संख्या १५२ बताई है।
अदिति
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