पापों से मोक्ष का दिन “गंगा दशहरा” - Kashi Patrika

पापों से मोक्ष का दिन “गंगा दशहरा”

नमामि गंगे! तव पाद पंकजम सुरा सुरैर्वन्दित दिव्य रूपं ।
भुक्तिम च मुक्तिम च ददासि नित्यं भावनु सारेण सदा नराणाम॥”

अर्थात– हे माता गंगे, देवताओं और राक्षसों से वंदित, आपके चरणों में हमारा नमस्कार स्वीकार हो। आप मनुष्य को नित्य ही उनके भाव के अनुसार भक्ति और मुक्ति प्रदान करती है।



गंगा दशहरा यानी गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का दिन।  हिंदू धर्मानुसार गंगा दशहरा का पर्व ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जो इस बार 24 मई (कल) है। वैसे तो, हिंदू धर्म में मां गंगा की पूजा प्रतिदिन करने की परम्परा है, लेकिन गंगा दशहरा पर गंगा स्नान एवं पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन लाखों की तदाद में श्रद्धालु वाराणसी, इलाहाबाद, गढ़मुख्तेश्वर, हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा स्नान करने आते है। वाराणसी में इस पर्व को धूम अलग ही देखने को मिलती है। गंगा दशहरा के दिन हजारों भक्त दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती देखने के लिए एकत्र होते हैं। मान्यताओं के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा में डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति मिलती है।

दस पापों का हो सकता है निवारण
गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करना और पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। माना जाता है इस दिन गंगा स्नान करने से 10 प्रकार के पापों का निवारण हो जाता है। इन पापों का नाश करने के लिए सभी वस्तुएं 10 की संख्या में दान करने का विधान है। पूजा में 10 तरह के फूल, 10 दीपक, 10 प्रकार के नेवेद्य, 10 पान और 10 तरह के फल होना अनिवार्य होता है। यदि संभव हो, तो ब्राह्मण को 10 ही होने चाहिए। इस दिन दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
गंगा दशहरा के दिन आमतौर से सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने का महत्व है। लेकिन यदि आप पूर्ण विधि-विधान से पुण्य प्राप्त करना चाहते हैं, तो ‘श्रीविष्णु’ के नाम का व्रत करें।

इस दिन करें महादेव का जलाभिषेक
गंगा दशहरा वही दिन है जब स्वर्ग से गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। यह गंगा शिव जी की जटाओं के माध्यम से ही धरती पर आई थीं, इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते है। जो भी व्यक्ति इस दिन पूर्ण विधि अनुसार भोलेनाथ की पूजा कर मंत्र सहित जलाभिषेक करता है भगवान उसकी हर इच्छा पूरी करते हैं। उसे जल्द ही अपने फल की प्राप्ति होती है।

No comments:

Post a Comment