गपशप - बाबा सुतनखु का खत - Kashi Patrika

गपशप - बाबा सुतनखु का खत

गपशप 

कइसन बाड़ा लोगन, बाल बच्चा सब मस्ती में और काम धाम से त आज फुर्सते होई गुड फ्राइडे जे रहल।  ता जने दिन भर गपियैले होबा जा ई ता हमहू जानत तिया कहे से कि हमरो दिनवा ऐसेही बीतलस।  

आज एक कहे जरुरी सलाह देवे खातिर खत लिखत बानी आपन जवान लईका लईकी खातिर जीवन बहुते सुन्दर बाटे पर हमरे नहीं चहले में भी इमे कभी कभी गम आ जा ला ओ से घबराए का तनिको नहीं चाही ओ  कठिन समय का डटकर मुकाबला करे के चाही।  और सच पूछा ता यही जिंदिगी है जे जितना बड़ा पहाड़ नियर कठिनाई से डटकर  मुकाबला कैलस वो उतने आगे गइलस। 

जरुरु बात ता रह गईल बीचवा में हमहू सठिया गेल बानी चले कोई नहीं तो जे नया नया लईका लईकी हउअ जा उनके सरकारी दफ्तर में आय जाए और उहा काम करवाए का आदत डाले  के चाही। जीवन में कठिन समय में ई काम आवा ला कहे से की अगर एक बार तू लोगन सरकारी दफ्तर से बिना घुस देहले काम करवा लेइला जा ता जीवन में कौनो कठिनाई से लड़ लेबा।  
अब ई बुढ़ौती में ज्यादा नाही लिख पावा तिया ता आप खत इहि ठिया छोड़ब। 

बाकि मिले पे 

- बाबा सुतनखु 


1 comment:

  1. हां सही कहाँ है , ख़त लिखते रहिये ,हम पढ़ते रहेंगे

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