बाबा सुतनखु का खत - Kashi Patrika

बाबा सुतनखु का खत

 गपशप 

का हो लोगन कइसन हौअल जा बाल-बच्चा सब मस्ती में और सुनावल जाए।  ई मौसम का मिजाज जरा बढ़िया चालत बा एही से रोज गपशप हो जात बा, कभी-कभी बीच-बीच पुरबाइया बहले से जरा घाम ठीक लगत है नहीं ता अभी ले बैशाख में ए से जयादा तपे। वैसहु अंग्रेजी महिन्ना के अनुसार अप्रेल बीतत है पर अबहि पूरा जेठ बकिये बा। खैर जे होइ से देखल जाइ। 

ओउर सुनावा लोगन सुनली हमरे खरपत्तूआ का दोस्ती जान की तो लोगन जा गच्चा खा गइला जा अरे ओहि एक ठे हमर मेंन दुश्मनों बा नाहि ता इतना खुल्ल थोड़ही गरिएती। 

चला आज का ज्ञान भी ले लेवल जा गर्मी भर जीरा भून के सुबहे सुबह छाछ में मिला के पीएल करा और तोडा टहलल करा ए से मिजाज बनल रही। 

बाकि मिले पे। 

- बाबा सुतनखु  

1 comment:

  1. I like column baba ki jai

    Kafi waqkht baad Banarasi sune k milal ba

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