तस्वीरों में बनारस
काशी विश्वनाथ मंदिर, विश्वनाथ गली
इस मंदिर का हिन्दू धर्म में विशेष स्थान है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में एक है। मान्यता है के एक बार भी अगर इस मंदिर के दर्शनोपरांत गंगा स्नान करा जाये तो मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन मरण से व्यक्ति मुक्त हो जाता है।
औरंगजेब ने १६६० में इसे गिरवा दिया और मस्जिद का निर्माण कराया। वर्तमान मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होलकर ने १७८० में करवाया था। सवर्ण मंदिर निर्माण में जो सोना बच गया उसको महाराजा रणजीत सिंह ने १८५३ में १००० किलोग्राम शुद्ध सोने द्वारा गुम्बद को मढ़वाया। हिन्दू मान्यता अनुसार प्रलय काल में भवन शिव इस नगरी को त्रिशूल पर धारण करलेते हैं और सृष्टि काल में पुनः धरती पर रख देते हैं.
कथा पुराणों में काशी की जो महिमा कही गयी है उसमें इस नगरी को हिन्दू-धर्म के परम् उद्देश्य जो की भगवान में लीन होकर आत्मा का जन्म मरण से मुक्त होना ही है, की प्राप्ति इस काशी में गंगा स्नान और बाबा भोले के दर्शन से अनायास ही संभव है।
हर हिन्दू की ओर से महारानी अहिल्याबाई होलकर का कोटि कोटि धन्यवाद।
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