शहर बनारस
बनारस एक ऐसी जगह है पृथ्वी पर जहाँ भगवान शिव की कृपा भक्तों पर बनी रहे इसके लिए भगवन शिव स्वम् ही कृपा बरसाने को अनगिनत शिवलिंगों में बसे हुए हैं। मंदिरो का शहर ऐसे ही नहीं कहा जाता है काशी नगरी को। हर गली में हमे भगवन मिल जायेंगे और उनको पूजते उनके भक्त।
आप मूल रूप से यदि काशी के ही है, तब आपके पास स्वम ही इस तथ्य की जानकारी होगी।
आज 'शहर बनारस' में आपको विभिन्न स्थानों पर विराजमान भगवन भोले के शिवलिंग को बता रहे हैं.
शिवलिंग स्थान
१ विश्वेश्वर लिंग विश्वनाथ जी का मंदिर
२ मंगलेश्वर संकटा घाट
३ आत्मविश्वेश्वर संकटा घाट
४ कुक्कुटेश्वर दुर्गाकुण्ड
५ त्रिपर्णेश्वर "
६ कालेश्वर दण्डपाणि गली
७ कालमाधव काठ की हवेली
८ प्रागेश्वर दशाश्वमेध
९ अंगारकेश्वर गणेश घाट
१० अगणेश्वर "
११ उपशांतेश्वर "
१२ प्रमेश्वर संकठा जी
१३ हरीश्चंद्रेशवर "
१४ वशिष्ठेश्वर "
१५ केदारेश्वर केदार घाट
१६ नीलकंठेश्वर नीलकण्ड
१७ काशेश्वर त्रिलोचन
१८ शुक्रेश्वर कलिका गली
१९ गभषतिश्वर मंगलागौरी
२० कमलेश्वर गोमठ
क्रमशः
सूजी; लेखक 'शंभूनाथ मानव ' के क़िताब से लीगयी है लेख़क ने शिवलिंगो की संख्या एक सौ बावन दिखाई है.
सूजी अगले अंकों में समाहित होगी।
आपके मन में यह दुविधा नहीं ही रही होगी के काशी,बाबा भोले की नगरी; आखिर कही क्यों जाती है।
चलते-चलते आपको काशी के कुच्छ अन्य नाम भी बताते चलते है, 'अविमुक्त', 'आनन्दवन' , 'महाश्मशान', 'वाराणसी' , 'सुरुंधन' , 'सुदर्शन' , 'मौलिनी' , 'ब्रह्मवर्धन' इन नामों के इतिहास को किसी और अंक में सम्मिलित करेंगे।
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