तस्वीरों में बनारस
बिड़ला बंधुओ एवं अन्य संपन्न व्यक्तियों के सहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। विशाल भूखंड पर संगमरमर के पत्थरो से यह मंदिर निर्मित है। दीवारों पर अठ्ठारह अध्याय गीता के श्लोक लिखे गएँ हैं तथा चित्र को भी उकेड़ा गया है। शिवलिंग के साथ ही इस विशाल मंदिर में आठ अन्य हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां भी एक ही छत के नीचे स्थापित हैं। यह मंदिर काशी वासियों के लिए एक ऐसा उपहार बिड़ला बंधुओ की तरफ़ से है जहाँ वह अपने सभी आराध्य देवी -देवताओं के दर्शन एक ही प्रांगण में करते हैं।
१९३१ में कार्य शुरू किया गया और १९६६ में निर्माण कार्य समाप्त होसका। इसके शिख़र की उचाई ७७ मीटर है। मंदिर का शिख़र विश्व में सबसे ऊचा है, यह कुतुबमीनार से भी ऊँची संरचना है।
भगवान शिव,नटराज, गणेश, लक्ष्मी-नारायण, दुर्गा,पंचमुखी महादेव , हनुमान , नंदी, सरस्वती जी के दर्शन हमें इस अद्भुत प्रांगण में होते है।
मंदिर के निर्माताओ निर्माण संपन्न करने वाले कलाकारों का कोटि-कोटि धन्यवाद, बनारस सदा ही करता रहेगा।
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