बाबा सुतनखु का खत - Kashi Patrika

बाबा सुतनखु का खत

गपशप 

कइसन हउअ जा बचवा लोगन, बाल-बच्चा सब मस्ती में और सुनावा। आज हमार मिज़ाज बड़ा बढ़िया बा इ से आज ज्ञान का कौनो बात नहीं होइ बस मस्ती होइ।  

खरपतत्तु का भी आज बहुद ज्यादा फायदा नहीं भइल, हा कि हमार रुआंसी वाले चेहरा पे कौनो झाई पड़ी। 
आज दिन रहल गुरुवार लगत हा एही से बढ़िया बीतलस। 

खैर ई सब ता लागल रही लोगन आज का दिन देखला की नहीं मौसम का मिज़ाजों बढ़िया रहल दोपहरिया ले ओकरे बाद हल्का सा गड़बड़ा गइल नहि ता माई गंगा के गोद सांझी के नहाए का मजे कुछ अऊर रहल। 
काली से लोगन रोज गंगा स्नान का प्रोग्राम बनावा और हमहू के बुलावा तब न मजा आई। 

बाकि मिले पे। 

- बाबा सुतनखु  

2 comments:

  1. I read it.. keep publish tis column on your blog

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    1. thanks for appreciation will surely publish it for a long time; most welcome for your invaluable comments.

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