आज ही के दिन भारत ने लांच किया था पहला सैटेलाइट - Kashi Patrika

आज ही के दिन भारत ने लांच किया था पहला सैटेलाइट


शुक्रवार  को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपना 100 वां उपग्रह माइक्रोसैट कक्षा में स्थापित कर इतिहास रचेगा। दिलचस्प यह है कि आज से करीब 43 साल पहले 19 अप्रैल 1975 को इसरो निर्मित पहला उपग्रह "आर्यभट्ट" अंतरिक्ष में प्रक्षेपित हुआ था।


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) शुक्रवार को एक और इतिहास रचेगा। इसरो निर्मित 100 वां उपग्रह माइक्रोसैट कक्षा में स्थापित होगा। वहीँ, इसरो निर्मित पहला उपग्रह आज से करीब 43 साल पहले प्रक्षेपित हुआ था, जब भारत अंतरिक्ष तकनीक की दुनिया में बिल्कुल नया खिलाड़ी था। अब इसरो एक ही रॉकेट से 104 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजकर नया कीर्तिमान भी रच चुका है, लेकिन उस वक्त इसरो के पास ना तो उपग्रह निर्माण का अनुभव था और ना ही प्रक्षेपण के लिए कोई रॉकेट। देश का अंतरिक्ष कार्यक्रम बिल्कुल शुरुआती दौर में था।
19 अप्रैल 1975 को भारत अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट लॉन्च कर अंतरिक्ष युग में दाखिल हुआ। यह भारत का पहला वैज्ञानिक उपग्रह था। 360 किलोग्राम वजनी आर्यभट्ट को सोवियत संघ के इंटर कॉसमॉस रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजा गया था। भारत का पहला उपग्रह देश के मशहूर खगोलशास्त्री और गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था। आर्यभट्ट उन पहले व्यक्तियों में से थे, जिन्होंने बीजगणित का प्रयोग किया था। इसके अलावा उन्होंने पाई का सही मान 3.1416 निकाला था।
 "आर्यभट्ट" का निर्माण इसरो द्वारा कृत्रिम उपग्रहों के निर्माण और अंतरिक्ष में उनके संचालन में अनुभव पाने के मकसद से किया गया था। इसका मकसद ये भी था कि भविष्य में भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सके। आर्यभट्ट उपग्रह का मुख्य उद्देश्य एक्स रे, खगोल विद्या, वायुविज्ञान और सौर भौतिकी से जुड़े प्रयोग करना था। अपने परिक्रमापथ पर चार दिन बिताने के बाद आर्यभट्ट में बिजली आपूर्ति बंद होने के कारण सभी प्रयोग रोक दिए गए थे। 5 दिन बाद इस उपग्रह से सिग्नल मिलने बंद हो गए थे। आर्यभट्ट को अंतरिक्ष में भेजने के बाद इसरो ने कभी पीछे पलटकर नहीं देखा।
दो रुपये की नोट पर "आर्यभट्ट" का चित्र 


1975 में इस सैटेलाइट के लांच होने के इस ऐतिहासिक क्षण को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1976 में दो रुपये के नोट के पिछले हिस्से पर छापा। 1997 तक दो रुपये के नोट पर आर्यभट्ट उपग्रह की तस्वीर छापी गई, बाद में इसके डिजाइन में बदलाव हो गया।
भारत और रूस स्मृति टिकट

इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए भारत और रूस दोनों ने मिलकर स्मृति के रूप में स्मृति टिकट भी लांच किया था। अपने लांच के 17 वर्ष बाद 11 फरवरी 1992 को अंतरिक्ष से वापस लौटकर पृथ्वी पर आया।

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