बाबा सुतनखु का खत - Kashi Patrika

बाबा सुतनखु का खत

 गपशप 

का हो बचवा लोगन कइसन हौअल जा और जिंदगी मजे में कटत बा।  हमर आशीर्वाद रही साथै साथ तुह लोगन के बुजुर्गन का हरदम खिलअत  खात रहवा।  कलिया संपादक महोदय के इहा लाईट नहीं रहल इहि से तो लोगन के खत नहीं लिखा पइली जा हम्मे बतावत रहलर औघय के ता हमहू अघा देहली की बिजली का बिल नहीं भरवा ता सरकार लाईन काटे लेइ। ता कहे लगलन की बिजली बिल जमा बाटे तभो लाईन नहीं देहलस रतिया ले परेशां रहलन हम कहली की चुप मार के सुत जा ज्यादा चिल्लावे की जरुरत नहीं बाटे। ऐसेहो मोदी सरकार बाटे कुछ दिन में कुल ठीक कर दिहन। 

खैर ई कुल ता लागल रहा ला वैसेहो यह बनारस में कुल काम धीरे धीरे होखे ला बाबा का आशीर्वाद बा। ज्ञान का बात ई बारे की औजिया के कोनो काम नहीं करे के चाही नहीं ता ख़राब हो जा ला बाकि तु लोगन जा खुदे समझदार हउअ जा बस ध्यान दिलावे भर का देरी बाटे।  

 ता मजे में जिन्दगी कटले जा एकखे कहे जिन्दगी मिलल बाटे।

- बाबा सुतनखु 

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