बाबा सुतनखु का खत - Kashi Patrika

बाबा सुतनखु का खत

गपशप 

का हो लोगन कइसन हुआ जा बाल बच्चा सब मस्ती में और सुनावल जाए। आज सोमवार के महादेव का दर्शन कराल जा ल की नहीं हमर ता दिनचर्या ह। कम से कम आज त महादेव के दर्शन हो जा ला। 

काल हमनी बात करात रहली जा माई लोगन के बचावे खातर त ओकरे बदे हमनी की बहुत प्रयास करे की पड़ी। लोगन एक ठे समूह बनावा और हमहू के साथ रखा। जहा जैसे हो सकी धरती और गंगा माई के बचावल जाई। गर्मी भी बढल जात ह अगर हमनी मिल के हर जगह पेड़ लगावल जाई त थोड़का गर्मी त काम होइ। आज ही हम सोचत रहली की सबसे बढ़िया पेड़ कौन सा होला त नीम का ध्यान आयल। निमिया का पेड़, कदम्ब का पेड़ और बरगद इ सब लगइले ठीक रही। लोगन जा यूकेलिप्टस मत लगावल करा उ जमीन का पानी सुखावला। 

और हमनी के पर्यावण के बारे में सचेत होए के साथ ध्वनि प्रदुषण बदे भी सोचे के चाही। जितना काम ध्वनि प्रदुषण होए लोगन  क दिमाग उतना ही शांत रही। 

बाकि मिले पे। 

- बाबा  सुतनखु 

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