आय दिन होने वाले सरकारी वादों और इरादों की भेंट चढ़ रही माँ गंगा अब अपने अस्तित्व पर पड़ रहे संकट से शायद ही कभी उबर पाएंगी। उत्तर प्रदेश सरकार जनवरी २०१७ से ही बोलती आ रही है कि अर्धकुंभ २०१९ से पहले ८० प्रतिशत गंगा निर्मल कर ली जाएगी पर वादों पर करवाई कौन करेगा कोई नहीं जानता। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट से लेकर एनजीटी के भी कई निर्देश हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि गंगा नदी की सफाई सरकार के इसी कार्यकाल में पूरी हो जाएगी।
फरवरी २०१८ में दिए एक भाषण में केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने दावा किया कि कुंभ से पहले गंगा ८० फीसदी तक निर्मल हो जाएगी। इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट का पानी भी गंगा में जाने से रोका जाएगा। गंगा को निर्मल बनाने के लिए ट्रस्ट बनाया गया है। इसमें आम लोग भी मदद कर सकते हैं। कई बड़े औद्योगिक घराने इसके लिए सामने आए हैं। इलाहाबाद में गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए महेश योगी संस्थान और हरिद्वार व ऋषिकेश के लिए हिन्दुजा परिवार ने प्रस्ताव दिए हैं। जबकि हरिद्वार और ऋषिकेश के लिए हिन्दूजा बंधुओं ने इच्छा जताई है। गंगा रिवर फ्रन्ट के विकास पर पर दस हजार करोड़ खर्च करने की योजना है, यह पैसा जनता के जरिए ही आएगा। लगभग तीन हजार करोड़ तो आ भी चुका है।
इन सब के बीच तुर्रा ये की इलाहाबाद से हल्दिया तक गंगा में जल परिवहन भी होगा। अभी तक न तो एसटीपी का कार्य ही संपन्न हुआ है और न ही गंगा में गिरने वाले खुले नालों का ही कोई उपाय हो पाया है। आय दिन कोई न कोई नई योजना की घोषणा की जाती है और उसके जरिये गंगा के निर्मलीकरण का दावा किया जाता है।
ऐसा ही एक दावा उस समय हुआ जब नितिन गडकरी इलाहाबाद में आए थे उन्होंने दावा किया कि कुंभ से पहले गंगा ८० फीसदी तक निर्मल हो जाएगी।
इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट का पानी भी गंगा में जाने से रोका जाएगा। गंगा को निर्मल बनाने के लिए ट्रस्ट बनाया गया है। इसमें आम लोग भी मदद कर सकते हैं। कई बड़े औद्योगिक घराने इसके लिए सामने आए हैं। इलाहाबाद में गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए महेश योगी संस्थान और हरिद्वार व ऋषिकेश के लिए हिन्दुजा परिवार ने प्रस्ताव दिए हैं। जबकि हरिद्वार और ऋषिकेश के लिए हिन्दूजा बंधुओं ने इच्छा जताई है। गंगा रिवर फ्रन्ट के विकास पर पर दस हजार करोड़ खर्च करने की योजना है, यह पैसा जनता के जरिए ही आएगा। लगभग तीन हजार करोड़ तो आ भी चुका है।
फरवरी २०१८ में दिए एक भाषण में केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने दावा किया कि कुंभ से पहले गंगा ८० फीसदी तक निर्मल हो जाएगी। इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट का पानी भी गंगा में जाने से रोका जाएगा। गंगा को निर्मल बनाने के लिए ट्रस्ट बनाया गया है। इसमें आम लोग भी मदद कर सकते हैं। कई बड़े औद्योगिक घराने इसके लिए सामने आए हैं। इलाहाबाद में गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए महेश योगी संस्थान और हरिद्वार व ऋषिकेश के लिए हिन्दुजा परिवार ने प्रस्ताव दिए हैं। जबकि हरिद्वार और ऋषिकेश के लिए हिन्दूजा बंधुओं ने इच्छा जताई है। गंगा रिवर फ्रन्ट के विकास पर पर दस हजार करोड़ खर्च करने की योजना है, यह पैसा जनता के जरिए ही आएगा। लगभग तीन हजार करोड़ तो आ भी चुका है।
इन सब के बीच तुर्रा ये की इलाहाबाद से हल्दिया तक गंगा में जल परिवहन भी होगा। अभी तक न तो एसटीपी का कार्य ही संपन्न हुआ है और न ही गंगा में गिरने वाले खुले नालों का ही कोई उपाय हो पाया है। आय दिन कोई न कोई नई योजना की घोषणा की जाती है और उसके जरिये गंगा के निर्मलीकरण का दावा किया जाता है।
ऐसा ही एक दावा उस समय हुआ जब नितिन गडकरी इलाहाबाद में आए थे उन्होंने दावा किया कि कुंभ से पहले गंगा ८० फीसदी तक निर्मल हो जाएगी।
इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट का पानी भी गंगा में जाने से रोका जाएगा। गंगा को निर्मल बनाने के लिए ट्रस्ट बनाया गया है। इसमें आम लोग भी मदद कर सकते हैं। कई बड़े औद्योगिक घराने इसके लिए सामने आए हैं। इलाहाबाद में गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए महेश योगी संस्थान और हरिद्वार व ऋषिकेश के लिए हिन्दुजा परिवार ने प्रस्ताव दिए हैं। जबकि हरिद्वार और ऋषिकेश के लिए हिन्दूजा बंधुओं ने इच्छा जताई है। गंगा रिवर फ्रन्ट के विकास पर पर दस हजार करोड़ खर्च करने की योजना है, यह पैसा जनता के जरिए ही आएगा। लगभग तीन हजार करोड़ तो आ भी चुका है।
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