कर्नाटक में येदियुरप्पा रहेंगे या जाएंगे, अभी तय नहीं हो पाया है, लेकिन येदियुरप्पा भारतीय राजनीति इतिहास के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने एक ही हफ्ते में दो बार विश्वास मत जीता है। दरअसल साल 2011 में भाजपा के 11 बागी विधायकों और 5 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लेकर येदियुरप्पा सरकार को संकट में डाल दिया था। लेकिन इसके बावजूद येदियुरप्पा ने एक हफ्ते में दो बार बहुमत साबित करके दिखा दिया।
पहला विश्वास मत उन्होंने ध्वनिमत से जीता, जिसे तत्कालीन राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने असंवैधानिक करार दे दिया। इसके बाद येदियुरप्पा को एक बार फिर विधानसभा में शक्ति परीक्षण से गुजरना पड़ा, जिसमें वो 100 के मुकाबले 106 मतों से जीत हासिल की।
तजा घटनाक्रम में येदियुरप्पा को विश्वासमत साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ 55 घण्टे का समय दिया, जबकि कर्नाटक के राज्यपाल ने बहुमत सिद्ध करने के लिए 15 दिन का समय दिया।
पहला विश्वास मत उन्होंने ध्वनिमत से जीता, जिसे तत्कालीन राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने असंवैधानिक करार दे दिया। इसके बाद येदियुरप्पा को एक बार फिर विधानसभा में शक्ति परीक्षण से गुजरना पड़ा, जिसमें वो 100 के मुकाबले 106 मतों से जीत हासिल की।
तजा घटनाक्रम में येदियुरप्पा को विश्वासमत साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ 55 घण्टे का समय दिया, जबकि कर्नाटक के राज्यपाल ने बहुमत सिद्ध करने के लिए 15 दिन का समय दिया।
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