विविध भारती - एक रिपोर्ट - Kashi Patrika

विविध भारती - एक रिपोर्ट

आधुनिकता चुपके से हमारे आँगन में प्रवेश करती है और हमारे आँखों से होकर दिल में उतर जाती है। इसके परिणामस्वरूप हम अपने अस्तित्व को भूल बैठते है और रंगों की दुनिया हमें चकाचौंध से सराबोर कर देती है। ऐसी ही आधुनिकता से लड़ता भारत का अपना पब्लिक रेडिओं चैनल विविध भारती पर एक रिपोर्ट :



विविध भारती का पहली बार प्रसारण ३ अक्टूबर १९५७ को हुआ। धीरे धीरे ये भारत का सबसे पसंदीदा चैनल बन गया। उस समय रेडिओं लोगों की शान हुआ करता था। वर्ष 2006-2007, विविध भारती के स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप मे भी मनाया। प्रारम्भ मे इसका प्रसारण केवल दो केन्द्रों, बम्बई तथा मद्रास से होता था। बाद मे धीरे धीरे लोकप्रियता के चलते आकाशवाणी के और भी केन्द्र इसका प्रसारण करने लगे। वर्तमान मे अनेकानेक केन्द्र आकाशवाणी की विज्ञापन प्रसारण सेवा के रूप मे अपने श्रोताओं को विविध भारती के कार्यक्रम सुनवाते हैं।

यह भारत के असंख्य हिन्दी भाषियों का चहेता रेडियो चैनल वर्षों तक रहा। तब भी जब कि ना तो दूरदर्शन भारत आया था, या आने के बाद भी इतना चहेता नहीं बना था, जितना कि यह चैनल रहा है। अब भी यह चैनल अखिल भारत में प्रसारित होता है।


भारत में रेडियो प्रसारण का आरंभ 23 जुलाई 1927 को हुआ था। आज़ादी के बाद भारत भर में कई रेडियो स्‍टेशनों का बड़ा नेटवर्क तैयार हुआ। पचास के दशक के उत्‍तरार्द्ध में आकाशवाणी के प्राईमरी-चैनल देश के सभी प्रमुख शहरों में सूचना और मनोरंजन की ज़रूरतें पूरी कर रहे थे। किन्‍हीं कारणों के रहते तब आकाशवाणी से फिल्‍मी–गीतों के प्रसारण पर रोक लगा दी गयी थी। ये फिल्म-संगीत का सुनहरा दौर था।

विविध भारती पर प्रसारित होने वाले कुछ चुनिंदा कार्यक्रम 

आरंभिक कार्यक्रम
जयमाला और हवामहल विविध भारती के शुरूआती कार्यक्रम रहे हैं। ये कार्यक्रम आज पचास सालों बाद भी उतनी ही लोकप्रियता के साथ चल रहे हैं जितने पहले थे। भारत के दूर दर्ज इलाको में आज भी रेडियों की लोकप्रियता उतनी ही बानी हुई है जैसे पहले थी।

जयमाला
जयमाला सोमवार से शुक्रवार तक फौजी भाईयों की पसंद के फिल्‍मी गीतों का कार्यक्रम है। जबकि शनिवार को कोई मशहूर फिल्‍मी-हस्‍ती इसे पेश करती है और विगत कुछ वर्षों से रविवार को जयमाला का नाम जयमाला संदेश होता है। जिसमें फौजी भाई अपने आत्‍मीय जनों को और फौजियों के आत्‍मीय जन देश की सेवा कर रहे इन फौजियों के नाम अपने संदेश विविध भारती के माध्‍यम से देते हैं।

हवामहल
हवामहल नाटिकाओं और झलकियों का कार्यक्रम है। पहले ये रात सवा नौ बजे हुआ करता था। आज इसका समय है रात आठ बजे। हवामहल के लिए झलकियां और नाटक देश भर से तैयार करके भेजे जाते हैं। एक समय में फिल्मी कलाकार असरानी, ओम पुरी, ओम शिवपुरी, अमरीश पुरी, दीना पाठक, यूनुस परवेज़ जैसे कई नामी कलाकारों ने हवामहल के नाटकों में अभिनय किया है।

बदलते दौर के साथ विविध भारती के बदले कार्यक्रम : 

पिटारा
सन 1996 में विविध भारती से मनोरंजन के एक नये पैकेज का आरंभ हुआ। इसे ‘पिटारा’ का नाम दिया गया। ये कई मायनों में सूचना और मनोरंजन का एक संपूर्ण पिटारा था। पिटारा में रोज़ अलग अलग कार्यक्रम होते हैं। जैसे डॉक्टरों से बातचीत पर आधारित कार्यक्रम सेहतनामा, फोन इन फरमाईशों पर आधारित कार्यक्रम हैलो फरमाईश, फिल्‍मी सितारों से मुलाक़ात का कार्यक्रम ’सेल्‍युलाइड के सितारे’, संगीत की दुनिया की हस्तियों से जुड़ा कार्यक्रम ‘सरगम के सितारे’ और युवाओं का कार्यक्रम ‘यूथ एक्‍सप्रेस’। पिटारा में ही बरसों बरस तक किसी फिल्‍म और उसकी पृष्‍ठ भूमि पर आधारित रोचक और बेहद लोकप्रिय कार्यक्रम बाईस्‍कोप की बातें प्रसारित होता रहा है। इसी तरह महिलाओं के लिये चूल्‍हा चौका और सोलह श्रृंगार जैसा कार्यक्रम विविध भारती का हिस्‍सा रहा है।

सखी सहेली
महिलाओं के लिए धारावाहिकों का प्रसारण तो अनेक टी वी चैनल करते हैं। लेकिन कहीं भी ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं था जो महिलाओं के लिए हो और उसे महिलाएं ही प्रस्‍तुत करें। विविध भारती ने इस जरूरत को समझा और शुरू हुआ सखी सहेली कार्यक्रम। पिछले दो से ज्‍यादा वक्‍त से दिन में तीन बजे प्रसारित होने वाला विविध भारती का सखी सहेली कार्यक्रम महिलाओं द्वारा प्रस्‍तुत एक बेहद लोकप्रिय कार्यक्रम बन गया है। श्रोताओं की मांग को देखते हुए इसमें एक दिन फोन इन कार्यक्रम हैलो सहेली भी प्रसारित किया जाता है।

मंथन
विविध भारती के मंथन कार्यक्रम ने भी अपनी लोकप्रियता का झंडा लहराया है। इसमें किसी ज्वलंत मुद्दे पर श्रोताओं से राय मांगी जाती है। इस फोन इन कार्यक्रम के ज़रिए बेहद सामयिक और ज्‍वलंत मुद्दे पर जनता को जागृत करने का महती प्रयास किया जा रहा है। जन-जागरण करके विविध भारती स्‍वयं को सूचना और मनोरंजन के एक संपूर्ण चैनल के रूप में लोकप्रिय बना रहा है।


उजाले उनकी यादों के
विविध भारती ने हमेशा अपनी जिम्‍मेदारी को समझा है और तत्‍परता से इसे निभाया भी है। देश का ये एकमात्र रेडियो चैनल है जिसने संगीत को अपना धर्म माना है और हर तरह के संगीत को अपने कार्यक्रमों में जगह दी है। विविध भारती ने डॉक्‍यूमेन्‍टेशन का काम भी किया है। चूंकि विविध भारती मूलत: फिल्‍मी मनोरंजन की सेवा है इसलिए यहां जानी मानी फिल्‍मी हस्तियों की रिकॉर्डिंग्‍स को सदैव प्राथमिकता दी जाती है। आज विविध भारती के पास फिल्‍मी हस्तियों और संगीत जगत की हस्तियों की जितनी रिकॉर्डिंग हैं उतनी शायद कहीं और नहीं होंगी। राज कूपर से लेकर शाहिद कपूर तक और नरगिस से लेकर प्रियंका चोपड़ा तक हर महत्‍त्‍वपूर्ण फिल्‍मी हस्‍ती की रिकॉर्डिंग विविध भारती के संग्रहालय में सुरक्षित है। लेकिन जब ये महसूस किया गया कि किसी फिल्‍मी हस्‍ती की छोटी सी रिकॉर्डिंग श्रोताओं की जरूरतों को पूरा नहीं करती तो एक नया कार्यक्रम शुरू हुआ जिसका नाम था उजाले उनकी यादों के। इस कार्यक्रम के ज़रिए कई फिल्‍मी हस्तियों की पूरी जीवन यात्रा पर चर्चा की गयी। इसमें संगीतकार नौशाद, ओ पी नैयर, खय्याम, रवि, लक्ष्‍मी प्‍यारे की जोड़ी के प्‍यारे लाल, संगीतकार, कल्‍याण जी आनंद जी की जोड़ी के आनंद जी, अभिनेत्री माला सिन्‍हा, वहीदा रहमान, लीना चंदावरकर, गायक महेंद्र कपूर, निर्देशक प्रकाश मेहरा समेत कई बड़ी हस्तियों से लंबी लंबी बातचीत की गयी है। इन कलाकारों की छह से लेकर दस घंटे बल्कि इससे भी ज्‍यादा वक्‍फे की रिकॉडिंग्‍स करके विविध भारती ने इतिहास को समेटने का महती कार्य किया है। और आज भी कर रही है।

संगीत-सरिता

सुबह साढ़े सात बजे प्रसारित होने वाले कार्यक्रम संगीत सरिता के माध्यम से विविध भारती ने अपने तमाम श्रोताओं के भीतर संगीत की समझ कायम करने का प्रयास किया है। संगीत सरिता में आमंत्रित विशेषज्ञ संगीत की बारीकियों को बहुत सरल शब्‍दों में समझाते हैं। मिसालें देते हैं, गायन की बानगी पेश करते हैं और किसी राग पर आधारित फिल्‍मी गीत सुनवाकर श्रोताओं को उस राग से पूरी तरह परिचित करा देते हैं। बरसों बरस से ये विविध भारती के बेहद लोकप्रिय कार्यक्रमों में से एक है। संगीत और फिल्‍म जगत की अनगिनत बड़ी हस्तियां इसमें शामिल हो चुकी हैं।










1 comment:

  1. बहुत ही अच्छी जानकारी दी गई है विविध भारती के बारे में। :)

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