उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित होने के बाद से कई चौकाने वाली खबरे सामने आ रही हैं। मीडिया में आई खबरों के अनुसार प्रदेश के 150 स्कूल ऐसे हैं, जिसका एक भी बच्चा बोर्ड परीक्षा में पास नहीं हुआ है। हालांकि, प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इन स्कूलों से रिजल्ट को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, बोर्ड ने उन 98 स्कूलों की जानकारी दी है, जिनका कक्षा 10वीं में 0 फीसदी रिजल्ट रहा है, जबकि 52 उन स्कूलों का नाम भी सामने आया है, जिनका एक भी बच्चा कक्षा 12वीं में पास नहीं हुआ है। इस मुद्दे को लेकर बोर्ड ने कहा है कि जल्द ही बोर्ड उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड रिजल्ट का विश्लेषण करेगा और उसके बाद नकारात्मक रिपोर्ट मिलने पर उनसे जवाब मांगा जाएगा।
गाजीपुर सबसे फिसड्डी
राज्य में जिस जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या सबसे ज्यादा है, उनमें गाजीपुर जिला पहले नंबर पर है। यहां 17 स्कूल ऐसे रहे, जिनमें एक भी छात्र पास नहीं हो सका। दूसरे नंबर पर आगरा रहा, जहां 9 स्कूल ऐसे हैं, जिसका एक भी छात्र बोर्ड रिजल्ट में पास नहीं हुआ। यूपी बोर्ड के अनुसार, इन 150 स्कूलों में कुछ सरकारी सहायता प्राप्त हैं तो कुछ प्राइवेट। इन स्कूलों की हैरान करने वाली बात यह कई स्कूलों में तो 10 से भी कम छात्रों का रजिस्ट्रेशन 10वीं या 12वीं में था। इसके अलावा राज्य के 237 स्कूल ऐसे रहे, जिनका उत्तीर्ण प्रतिशत 20 से भी कम रहा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, बोर्ड ने उन 98 स्कूलों की जानकारी दी है, जिनका कक्षा 10वीं में 0 फीसदी रिजल्ट रहा है, जबकि 52 उन स्कूलों का नाम भी सामने आया है, जिनका एक भी बच्चा कक्षा 12वीं में पास नहीं हुआ है। इस मुद्दे को लेकर बोर्ड ने कहा है कि जल्द ही बोर्ड उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड रिजल्ट का विश्लेषण करेगा और उसके बाद नकारात्मक रिपोर्ट मिलने पर उनसे जवाब मांगा जाएगा।
गाजीपुर सबसे फिसड्डी
राज्य में जिस जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या सबसे ज्यादा है, उनमें गाजीपुर जिला पहले नंबर पर है। यहां 17 स्कूल ऐसे रहे, जिनमें एक भी छात्र पास नहीं हो सका। दूसरे नंबर पर आगरा रहा, जहां 9 स्कूल ऐसे हैं, जिसका एक भी छात्र बोर्ड रिजल्ट में पास नहीं हुआ। यूपी बोर्ड के अनुसार, इन 150 स्कूलों में कुछ सरकारी सहायता प्राप्त हैं तो कुछ प्राइवेट। इन स्कूलों की हैरान करने वाली बात यह कई स्कूलों में तो 10 से भी कम छात्रों का रजिस्ट्रेशन 10वीं या 12वीं में था। इसके अलावा राज्य के 237 स्कूल ऐसे रहे, जिनका उत्तीर्ण प्रतिशत 20 से भी कम रहा।
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