कांग्रेस कल से देश भर में लोकतंत्र बचाओ अभियान शुरू करेगी। इस अभियान में उसके साथ भाजपा को छोड़ सारे दल उपस्थित रहने वाले है। अब प्रश्न यह है के लोकतंत्र को आख़िर किस प्रकार का ख़तरा उत्पन्न हो रहा है, भाजपा के कार्यकाल में।
चलिये एक बार आपको लोकतंत्र का अर्थ पुनः बताते हैं। लोकतंत्र का अर्थ है प्रजातंत्र। 2018 के विधानसभा चुनाव में कर्नाटक की प्रजा ने बीजेपी को सबसे भरोसेमंद पार्टी के रूप में चुना। बीजेपी को 222 में 104 सीटें मिली। वहीं कांग्रेस सत्ता हाथ से जाते देख तुरंत ही जेडीएस के साथ हाथ मिला लेती है और कर्नाटक की जनता ने जिस दल को 40 से भी कम मात्र 38 सीटें ही दी है, का मुख्यमंत्री बनाने को कांग्रेस अपना समर्थन देती है और मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करती है। वही जब सबसे अधिक जनमत के साथ भाजपा की सरकार बनाएँ जाने की पेशकश को गवर्नर की मंजूरी मिलती है तो कांग्रेस गवर्नर को भरतीय जनता पार्टी का एजेंट तक़ बता देती है। क्या कांग्रेस और जेडीएस का चुनाव उपरांत यह गठबंधन स्वम में ही लोकतंत्र को अंगूठा दिखाना नहीं है।
नैतिकता की दुहाई: जिस नैतिकता की बाद कांग्रेस कर्नाटक और गोवा, मणिपुर, और आरजेडी बिहार के लिए कर रहे हैं, तो क्या बिहार में आरजेडी जो सत्त्ता के लिए जेडीयू से मिल जाती है, इस में नैतिकता के हनन का ख़तरा नहीं दिखता। यहाँ यह रेखांकित करदे के गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए 21 सीटों पर जीत दर्ज़ करानी थी, जहाँ कांग्रेस ने तब 17 सीटें जीती और भाजपा ने 14 सीटें।
बंगाल का पंचायत चुनाव: अभी चंद रोज़ पहले ही बंगाल के पंचायत चुनाव से जो हिंसा की खबरें आईं, क्या वह लोकतंत्र को क़ायम रखने वाली घटनाएं कही जा सकती थी, कॉंग्रेस का कोई बयान नहीं आया। कोई विरोध प्रदर्श नहीं, कोई कोर्ट कचहरी नहीं, अब सत्ता हाथ से जा रही तब एक साथ ही कोर्ट, प्रदर्शन, प्रेस कॉन्फ्रेंस किये जा रहे हैं।
नामदार पार्टी की दिक्कत: कोंग्रेस की दिक्कत ये ही दिखायी देती है के वह स्वमं को भाजपा से पीछे किसी भी हालत में नहीं आने देना चाहती। 2019 में होने वाला लोकसभा चुनाव भी उसके हाथ नहीं आता दिख रहा। यहाँ यह रेखांकित करदे के कांग्रेस पार्टी ने ही इमर्जेंसी लगाई थी। औऱ इन्ही इंदिरा गांधी के शासनकाल में किसी भी पब्लिकेशन की पहले स्क्रूटिनी होती फ़िर ही वह छापा जा सकता था।
भारत बना पाकिस्तान: वही आज कॉंग्रेस अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ में कहां के भारतीय न्याय व्यवस्था अफ्रीकी और पाकिस्तानी न्याय व्यवस्था बन गयी है। यह बयान उन्होंने बस इस लिए देदिया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने यदुरप्पा को कर्नाटक के मुख्यमंत्री की शपथ लेने से रोके जाने के कांग्रेस की मांग को खारिज़ कर दिया।क्या भारत की न्याय व्यवस्था मात्र कांग्रेस की मांग ठुकराए जाने भर से पाकिस्तान की न्याय व्यवस्था बन जाती है। यहाँ यह रेखांकित करते हैं के 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान से ही मोदी को सत्ता में आने से रोकने के लिए मदद माँगी थी।
आरएसएस की विचारधारा: राहुल गांधी ने कर्नाटक के गवर्नर को केंद्र में रख कर कहा के बीजेपी चुन-चुन कर आरएसएस के लोंगो को बिठा रही है। क्या है आरएसएस की विचारधारा जिससे कांग्रेस इतना परहेज़ करती है। क्या बस हिन्दू का प्रतिनिधित्व करना ही एक संगठन को कांग्रेस के लिए अछूत बना देता है।
लोकतंत्र बचाने की आड़ में पार्टियां स्वमं के हाथ से खिसकती सत्ता बचाने को व्यकुल हैं।
लोकतंत्र का भय दिखा कर कांग्रेस खेलेगी देश भर में अराजकता का खेल: गोवा , मणिपुर, बिहार में भी अब यह मांग उठाई जाएगी और आधार में सबसे बड़ी पार्टी होने को ही रखा जाएगा।
यदुरप्पा ने जो पत्र गवर्नर को सौंपा है और जिसमें बहुमत की बात कही है, अभी तक़ सार्वजनिक नहीं कि गयीं है।
भाजपा, कांग्रेस , जेडीएस तीनो ही 15 दिनों की दी गयी मोहलत के खत्म होने का इंतज़ार करेगी। जहां यह बीजेपी के लिए चंद दिन ही हो, कांग्रेस के लिए लंबा इंतजार ही होगा।
अदिति
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