अंकों को बदल कर फेल परीक्षार्थियों को पास करने का लग रहा आरोप.
यूपी बोर्ड के हालही (29 अप्रैल) में घोषित परीक्षा परिणाम सवालों के घेरे में आ गया है। सोशल मीडिया पर अवॉर्ड शीट (जिसमें मूल्यांकन के बाद नंबर चढ़ाए जाते हैं) और मार्कशीट वायरल हो रही है, जिस पर अंकित अंकों में काफी अंतर दिख रहा है। हालांकि, शिक्षा विभाग सब कुछ पारदर्शी होने का दावा कर रहा है। इस बार परीक्षा में जिस तरह से सख्ती बरती गई थी, उसके हिसाब से रिजल्ट काफी कम होने की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन पिछले साल के मुकाबले रिजल्ट में 6 से 10% की ही कमी आई, जो कई तरह के सवालों को जन्म देता है।बदले गए परिणाम!
मूल्यांकन के बाद शिक्षक जिस परिपत्र पर नंबर चढ़ाता है, उसे अवॉर्डशीट कहा जाता है। सोशल मीडिया पर 50 से ज्यादा ऐसे रोल नंबर वायरल हो रहे हैं, जिनकी मार्कशीट में मिले नंबर और अवॉर्डशीट में लिखे नंबर में 20 से ज्यादा का अंतर है। कई विषयों में 10 से लेकर 22 नंबर तक बढ़े दिख रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि मॉडरेशन में 3 से 5 नंबर तक का अधिकतम अंतर आता है। हालांकि, इस पूरे विषय पर कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीँ है।
मॉडरेशन के मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है और इसे बसपा काल में टीईटी के मूल्यांकन में हुए घोटाले जैसी बड़ी गड़बड़ी माना जा रहा है। मामले के सीबीआई जांच की मांग भी उठ रही है।
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