पिथौरागढ़ |
पिथौरागढ़
कुछ जगहे आप के दिल के करीब होती है और कुछ जगहे आपकी आत्मा के। अगर मसूरी उत्तराँचल राज्य का दिल है तो पिथौरागढ़ इसकी आत्मा है। आइए आज आप का ये घुमक्कड़ साथी आप को सोर की खूबसूरत वादियों में बसे शहर पिथौरागढ़ ले जायेगा।
मेघना रेस्टूरेंट एवं रिसॉर्ट |
भारत और नेपाल की सीमाओं पे बेस शहर पिथौरागढ़ की खूबसूरती देखते ही बनती हैं। कहते है अगर कोई यहाँ एक बार आ जाए तो यहीं का होकर रह जाता हैं। ऐसी है पिथौरागढ़ की खूबसूरती। सीमाओं पर बेस होने और पहाड़ी दुर्गर क्षेत्र होने की वजह से काम ही सैलानी यहाँ आते है। नवविवाहित जोड़ों के लिए ये एक पर्फेक्ट डेस्टिनेशन हैं।
उत्तराखंड की सबसे सुंदरतम वादियों में से एक |
यहाँ घूमने को इतना कुछ है की हर सैलानी अपने आप को पिथौरागढ़ के करीब पाता हैं। दूर बसी हिमालय की अनगिनत चोटियां एडवेंचर एनथ्यूज़िआस्ट बरबस ही अपनी और आकर्षित करता हैं।
पिथौरागढ़ में घूमने लायक जगहें:
यहां कई चर्च, मिशन स्कूल, और इमारतें अंग्रेजों के समय की बनी हैं। पिथौरागढ़ घूमने की योजना में पर्यटक कपिलेश्वर महादेव मंदिर देख सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। लोककथा के अनुसार, प्रसिद्ध ऋषि कपिल नें इस स्थान पर तप किया था। शिवरात्रि के त्योहार के मौके पर भक्तों की भारी भीड़ इस मंदिर में दर्शनों के लिए आती है। ऊँची पहाड़ियों पर स्थित यह मंदिर अपनी शोभा के लिए सैलानियों को आकर्षित करता हैं।
कपिलेश्वर महादेव मंदिर |
पिथौरागढ़ के दक्षिण में 8 किमी दूर स्थित थल केदार यहां का एक और लोकप्रिय धार्मिक आकर्षण का केन्द्र है।यहां से सुंदर अभयारण्य, अशरचूला घूमने का भी अवसर प्राप्त होता है। यह पिथौरागढ़ से बीस किमी दूर है। यह स्थान समुद्र तल से 5412 फुट की ऊंचाई पर बसा हुआ है।
इसके अलावा, मुनस्यारी एक और लोकप्रिय पर्यटन आकर्षण है जो जौहर क्षेत्र के लिए एक प्रवेश द्वार की भूमिका अदा करता है। यह प्रवेश द्वार मिलम नामिक तथा रालम ग्लेशियरों में ले जाता है।
थल केदार |
पिथौरागढ़ का किला एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। हमले के बाद, 1789 में गोरखों नें इस किले को बनाया था। पर्यटक यहां कस्तूरी हिरन (वैज्ञानिक नाम-मास्कस लूकोगस्टर) के संरक्षण हेतु स्थापित एस्काट कस्तूरी मृग अभयारण्य भी जा सकते हैं। इस अभयारण्य में कई वन्य जीव जैसे तेंदआ, जंगली बिल्ली, ऊदबिलाव,कांकड़,छोटे सींगों वाला बारहसिंगा,गोराल(गोल सींगों वाले बारहसिंगा),सफेद भालू,हिमालयी तेंदुआ,कस्तूरी मृग,हिमालयी काला भालू और भरल आदि को देखा जा सकता है।इसके अलावा,यह अभयारण्य हिमालयी बर्फ में पाया जाने वाला मुर्गा, तीतर और यूरोपियन तीतर जैसे कई अन्य पक्षियों का भी आश्रय है।
पिथौरागढ़ का किला |
शहर पिथौरागढ़ से 68 किमी की दूरी पर स्थित जौलजीबी एक प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र है। इस जगह गोरी और काली नामक दो नदियों का संगम होता है।यहाँ मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर एक मेला लगता है।स्थानीय लोगों के अनुसार, इस मेले का आयोजन पहली बार 1 नवंबर,1914 को हुआ था। पिथौरागढ़ टाउन से 4 किमी की दूरी पर एक प्रसिद्ध मंदिर, नकुलेश्वर मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है,एवं खजुराहो स्थापत्य शैली में बना हुआ है। इस गंतव्य के अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में अर्जुनेश्वर मंदिर,चंडाक, मोस्तमनु मंदिर, ध्वज मंदिर, कोटगरी देवी मंदिर, डीडीहाट,नारायण आश्रम तथा झूलाघाट शामिल हैं।
पैराग्लाइडिंग इन पिथौरागढ़ |
यह स्थान साहसिक खेलों जैसे स्कीइंग, हैंग ग्लाइडिंग और पैराग्लाइडिंग के लिए भी लोकप्रिय है।
- घुमक्कड़ साथी
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