गपशप
का हो लोगन कइसन हउअ जा बाल बच्चा सब मस्ती में और सुनावल जाए। जीवन में बहुत काम कइली जा पर उकरे बारे में कहूं से सम्मान का गुज़ारिश नहीं कइली कभी। सही ही कइली लोगन तोहके आगे बढ़त कम देखे चाहा लन है पैर खींच के गिरावे वाले बहुत मिल जइहन। त हमनी जा पेड़ त लगावल जाइ कहूं से उकरे बदे सम्मान का आसा नहीं करल जाइ। बस हमनी का काम ह ओके पूरा करल जाइ।आज हमनी जा सिम्मर के पेड़ उगावे और लगावे वदे बतियावल जाइ। ऐसे त गावें में सिम्मर का पेड़ अपने आप उग जा ला लेकिन शहर में अइसन जगह अब कम बचल ह जहाँ पेड़ अपने आप उग जाइ। त हमनी जा सिम्मर क पेड़ लगावल जाइ।
सेमल का पेड़ बहुत लम्बा होला और एकरे में लाल फूल निकलेला, पत्ती चौर और नुकीला होइ, एकरे फल में रुई निकले ला और एकर पेड़ बहुत गुणकारी होला। लकड़ी नाव बनावे में काम आई और आयुर्वेद में भी ई पेड़ का बहुते महत्त्व बाड़े। तना खूब मोट होइ और पेड़ सिद्ध होइ।
एपर एगो कविता भी बाटे सुन लेवा जा लोगन :
सेमल / रंजना जायसवाल
पत्ते पुत्र हैं कलियाँ बेटियाँ जानता है सेमल
बेटे रहेंगे देर तक साथ
बेटियाँ विदा हो जाएँगी
फूल बनते ही फिर भी भेद नहीं बरतता है
तब भी नहीं जब
कलियों के युवा होते ही
दूर-दूर से आने लगती है
रसिकों की टोली जानता है
जब तक बेटियाँ हैं घर जगमग है
जाते-जाते भी दे जायेंगी वे फल
जिसमें सृजित होगी श्वेत...कोमल ऊष्मा
जिसे जानेगा संसार उसके ही नाम से
बाकि मिले पे।
- बाबा सुतनखु
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