संघ की शाखाओं में विस्तार; मोदी का विकास मॉडल - Kashi Patrika

संघ की शाखाओं में विस्तार; मोदी का विकास मॉडल

मोदी सरकार में अगर किसी का उचित विकास हुआ हैं तो वो हैं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ। बीते चार सालों में लगभग हर क्षेत्र के लोगों को संघ ने अपनी ओर आकर्षित किया हैं। आप को जान कर हैरानी होगी कि ये विकास साल दर साल बढ़ता गया हैं। कभी तो इसमें ५२% तक की वृद्धि हुई हैं। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि मोदी का विकास मॉडल क्या हैं।

जहाँ बीते चार सालों में भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगा, बेरोजगारों की संख्या बढ़ गई, किसानों की स्थिति बद से बदतर हो गई, महिलाओं की खिलाफ आपराधिक मामले कम नहीं हुए, छोटे और मझोले उद्योगों की बखिया उधेड़ दी गई, और युवाओं में आत्महत्या की प्रवित्ति बढ़ी। वही पर सेना पर होने वाले हमलों की संख्या में अमूल चूल बढ़ोत्तरी हुई।

इस सब के बीच केवल विकास एक और केवल एक जगह ही नजर आया। वो हैं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्यों की संख्या में भारी इजाफा और संघ की गतिविधियों और हिन्दू संगठन के रूप में सर्वमान्यता। ऐसा नहीं हैं कि  2014 के पहले संघ देश में नहीं था। पर केंद्र की सत्ता में मोदी के आते ही इस संगठन की गतिविधियों में भारी इजाफा हुआ हैं। कम से कम आकड़े तो यही बताते हैं। वर्तमान में 34 हजार से अधिक स्थानों पर प्रतिदिन शाखा और 15 हजार से अधिक स्थानों पर साप्ताहिक मिलन संचालित हो रहे हैं। यानी करीब 49 हजार 493 स्थानों पर शाखा और मिलन के माध्यम से समाज में संघ अपना विस्तार कर रहा हैं। इसके लिए धन कहाँ से आता हैं कोई नहीं जानता।

आप को जान कर हैरानी होगी कि क्या संघ को सरकार का आश्रय प्रदान नहीं है, वरन जानकारों की माने तो सरकार को संघ का आश्रय प्रदान हैं। कुछ जानकार मानते हैं कि ये बीजेपी की कार्यपद्धति का हिस्सा है, जहाँ वो सरकार बनाने के ठीक बाद समाज में संघ के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं के विकास और पोषण में लग जाती हैं।

तो ऐसे में आपका विकास हो न हो सरकार अपना विकास केंद्रित रूप से कर रही हैं और वो उसी का प्रचार भी कर रही हैं क्योंकि उसकी नजरों में तो विकास हुआ हैं।

:सिद्धार्थ सिंह 

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