तीर्थयात्रा पूर्व जन्मों के पापों का नाश और वर्तमान में अपूर्व ऊर्जा का संचार करता हैं। इन तीर्थयात्राओं में भी
देश के विभिन्न क्षेत्रों में बसे 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा का अपना एक अलग महत्व हैं। शिव के स्वयंभू लिंगो पर जीवन में एक बार जल अर्पित करना हर भक्त की मनोकामना होती हैं। लाखों की संख्या में हार साल कांवरिया श्रावण के महीने में इन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पैदल करते हैं ये यात्रा आस्था का वो दीपक हैं जो यात्रियों को जीवनपर्यन्त दैदिप्तमान करता हैं।
क्या होता है ज्योतिर्लिंग
ज्योतिर्लिंग यानी महादेव जहां स्वयं प्रकट हुए हैं। भारत के अलग-अलग दिव्यस्थानों पर 12 ज्योतिर्लिंग हैं। काशी में ही सोमनाथ से लेकर केदारनाथ, बैजनाथ से लेकर मल्लिकार्जुन महादेव के मंदिर स्थापित हैं। मान्यता है कि भगवान शिव ने अपने उन भक्तों के लिए यहां 12 ज्योतिर्लिंग का दर्शन दिया जो अलग-अलग स्थानों पर जाकर दर्शन करने में असमर्थ हैं।श्रावण माह में काशी के इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन अत्यंत शुभ हैं और दुगने फल प्रदान करने वाले हैं।
कहां स्थापित हैं मंदिर
1. सोमनाथ महादेव मंदिर, मनमंदिर घाट। यहां के महंत पंडित रामजी शर्मा ने बताया कि मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। काशी में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों में यह भी एक है।
2. मल्लिकार्जुन महादेव मंदिर, शिवपुरा मोहल्ला सिगरा
3. महाकालेश्वर महादेव मंदिर, मध्य्मेस्वर मोहल्ला महामृत्युंजय मंदिर के अंदर
4. ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, पठानी टोला मच्छोदरी
5. बैजनाथ महादेव मंदिर, बैजनत्था क्षेत्र
6. भीमाशंकर महादेव मंदिर, काशी करवत मंदिर नेपाली खपड़ा
7. रामेश्वर महादेव मंदिर, मानमंदिर घाट
8. नागेश्वर महादेव मंदिर, पटनी टोला भोशलाघाट
9. श्री काशी विश्वनाथ नाथ मंदिर
10. त्र्यंबकेश्वर महादेव मंदिर, बासफाटक
11. केदार जी, केदारघाट
12. घृणेश्वर महादेव मंदिर ,कमच्छा मंदिर के अंदर
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देश के विभिन्न क्षेत्रों में बसे 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा का अपना एक अलग महत्व हैं। शिव के स्वयंभू लिंगो पर जीवन में एक बार जल अर्पित करना हर भक्त की मनोकामना होती हैं। लाखों की संख्या में हार साल कांवरिया श्रावण के महीने में इन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पैदल करते हैं ये यात्रा आस्था का वो दीपक हैं जो यात्रियों को जीवनपर्यन्त दैदिप्तमान करता हैं।
क्या होता है ज्योतिर्लिंग
ज्योतिर्लिंग यानी महादेव जहां स्वयं प्रकट हुए हैं। भारत के अलग-अलग दिव्यस्थानों पर 12 ज्योतिर्लिंग हैं। काशी में ही सोमनाथ से लेकर केदारनाथ, बैजनाथ से लेकर मल्लिकार्जुन महादेव के मंदिर स्थापित हैं। मान्यता है कि भगवान शिव ने अपने उन भक्तों के लिए यहां 12 ज्योतिर्लिंग का दर्शन दिया जो अलग-अलग स्थानों पर जाकर दर्शन करने में असमर्थ हैं।श्रावण माह में काशी के इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन अत्यंत शुभ हैं और दुगने फल प्रदान करने वाले हैं।
कहां स्थापित हैं मंदिर
1. सोमनाथ महादेव मंदिर, मनमंदिर घाट। यहां के महंत पंडित रामजी शर्मा ने बताया कि मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। काशी में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों में यह भी एक है।
2. मल्लिकार्जुन महादेव मंदिर, शिवपुरा मोहल्ला सिगरा
3. महाकालेश्वर महादेव मंदिर, मध्य्मेस्वर मोहल्ला महामृत्युंजय मंदिर के अंदर
4. ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, पठानी टोला मच्छोदरी
5. बैजनाथ महादेव मंदिर, बैजनत्था क्षेत्र
6. भीमाशंकर महादेव मंदिर, काशी करवत मंदिर नेपाली खपड़ा
7. रामेश्वर महादेव मंदिर, मानमंदिर घाट
8. नागेश्वर महादेव मंदिर, पटनी टोला भोशलाघाट
9. श्री काशी विश्वनाथ नाथ मंदिर
10. त्र्यंबकेश्वर महादेव मंदिर, बासफाटक
11. केदार जी, केदारघाट
12. घृणेश्वर महादेव मंदिर ,कमच्छा मंदिर के अंदर
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