मिर्च मसाला... - Kashi Patrika

मिर्च मसाला...

राजनीतिक तड़का॥  
दिनभर की भागदौड़ के बाद थकना लाजमी हैं और हो भी क्यों नहीं देश विकास के पथ पर तेजी से दौड़ जो रहा है। तो हम-आप भी दौड़ रहे हैं; देश राजनीति में गुलाठियाँ मार रहा है, तो हम आप भी मार रहे हैं। देश पानी-पानी हो रहा है, तो हम आप भी हो रहें हैं; आर्थिक बढ़ोत्त्तरी में देश, विदेशों में नाम कमा रहा है, तो हम आप भी कमा रहे हैं; इन कमाइयों में कुछ खर्चें भी हैं; तो कुछ खर्च करें...

आगे-आगे भारत पीछे-पीछे चीन 
आज विश्व में जिस तरह भारत को 21 वीं सदी का कर्णधार माना जा रहा हैं उसको देख कर तो ऐसा ही लगता हैं कि हम अपने चिर प्रतिद्वंद्वी चीन को जल्द ही आर्थिक मुद्दे पर पीछे छोड़ देंगे। ऐसा कब होगा इसका ठीक-ठीक समय बताना तो मुश्किल है, पर बाजार इन्हीं अटकलों के इर्दगिर्द ही ऊंचाइयों पर जाता है, तो अटकले लगाते रहिये भारत एक दिन चीन को जरूर पीछे छोड़ देगा। 
विश्व बैंक की माने तो 2030 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी और 2050 तक विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। ये अनुमान तब और सार्थक नजर आते हैं जब भारत ने हाल ही में फ्रांस को आर्थिक मुद्दे पर धूल चटाई है और अभी देशवासियों ने सुबह से शाम दौड़ लगाना कम नहीं किया है। इन सब भागम दौड़ के बीच देश में बढ़ती जनसँख्या का मुद्दा यथार्थ है, जिसमे कोढ़ में खाज का काम सीमावर्ती देशों से आने वाले घुसपैठिए नागरिक कर रहे हैं। तो यदि आप लिबरल हैं, तो इनके लिए अपनी जेबों से कुछ खर्च करें और सरकार को ज्यादा टैक्स चुकाए और अगर लिबरल नहीं हैं, तो अपनी जुबान खर्च करने में गुरेज न करें। 

पाकिस्तान मेरी सांसों में है
आप माने या न माने पकिस्तान भारत के नागरिकों की साँसों में बस्ता हैं। करीना कपूर ने जब ह्रितिक रौशन के लिए फ़िल्मी पर्दे पर ये गाना गया था तो जनता ने खूब तालियां बजाईं थी। आज भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। उधर इमरान खान पकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में सुपरसॉनिक क्रूज मिसाईल की तरह लांच हुए हैं, जो अपने लक्ष्य को भेदे बिना मानता नहीं तो इधर भारत के मीडिया हाउस ने इस खबर को इतनी तवज्जों दे दी कि इमरान विश्व के चर्चित नेताओं में भी आसानी से शामिल हो सकते हैं। अब ये भारत का पाकिस्तान के प्रति प्यार ही हैं कि उसकी सभी छोटी- बड़ी राजनीतिक घटनाओं को भारत के परिपेक्ष में जोड़ कर वैश्विक पर्दे पर इतने बड़े पैमाने पर दिखता हैं कि खस्ताहाल पाकिस्तान भी धन्नासेठ नजर आने लगता है। 
इन सब के बीच ये खबर भी चर्चा में हैं कि इमरान खान अपने शपथ समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को बुला सकते हैं। अब कोई मिलने जाए और खाली हाथ जाए अच्छा नहीं लगता तो फिर खर्चों का हिसाब-किताब जोड़ लीजिए। अगर कही फिर से पाकिस्तान से चीनी मंगानी पड़ी तो?
‛न नौ मन घी होगा न राधा नाचेगी’ 
आज विपक्ष का हाल भी कुछ इस तरह का हो गया है कि उसके पास संख्या बल की इतनी कमी हो गई हैं। लगता है 2019 लोकसभा चुनाव मोदी काफी आसानी से जीत जाएंगे। एक ओर तो विपक्ष में पास पहले ही कोई सर्वमान्य चेहरा नहीं था और जो चेहरे थे भी, उन्होंने अपनी साख इतनी जल्दी खत्म कर दी कि अब वो इस बार प्रधानमंत्री बनने की रेस से बाहर हो गए लगते हैं। मानसून सत्र में राहुल गांधी ने संसद में ऐसा भाषण दिया कि लगा वो किसी फिल्मी पर्दे पर नौसिखिए कलाकार हों। हद तो तब हो गई जब उन्होंने भरी सदन में मोदी को गले लगाया। सब कुछ तो जैसे-तैसे बीत गया, पर अंत में उनका आँख मारना लोगों को रास नहीं आया। 
अब इस तरह के अपरिपक्व चेहरे को दूसरी पार्टियां कितना तवज्जो देती है, आप खुद समझ सकते हैं! वही दूसरी ओर असम में अवैध नागरिकों के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बयान देकर फंसती दिख रही हैं। उनके अतर्कसंगत बयान उनके लिए प्रसिद्धि पाने का कम और प्रधानमंत्री की रेस से बाहर होने का काम ज्यादा कर रहें हैं। खैर, आप अपनी जेब टटोले और बचा माल बाहर निकाले ऐसा माना जा रहा हैं कि इस बार केंद्र का चुनाव सबसे महंगा होने वाला है, तो ऐसे में घूम फिर के बोझ तो आपही संभालेंगे। 
सिद्धार्थ सिंह 

No comments:

Post a Comment